सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर टिकट के लिए आए दिन धक्का-मुक्की, एक टिकट काउंटर के सहारे यात्री
Sitamarhi news टिकट लेने में धक्का-मुक्की के बीच पॉकेटमारों की रहती है चांदी। खामियाजा भुगतना पड़ता है टिकट लेने आए यात्रियों को। कर्मी के अभाव में दिन में एक ही अनारक्षित टिकट काउंटर खुलता है। भीड़ के अलावे असमाजिक तत्वों से होती है लोगों को परेशानी।
सीतामढ़ी, जासं। विभागीय उदासीनता के कारण माडल स्टेशन सीतामढ़ी का हाल बेहाल है। कर्मियों की कमी का खामियाजा टिकट काउंटर पर टिकट लेने आए यात्रियों को भुगतना पड़ता है। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर फिलवक्त दो अनारक्षित टिकट काउंटर की व्यवस्था की गई है। लेकिन काउंटर पर (लिपिक) कर्मी की कमी के कारण एक ही काउंटर से अनारक्षित टिकट रेलवे द्वारा बेची जाती है। जिसके कारण टिकट लेने वाले यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है। धक्का मुक्की कर यात्री टिकट लेने पर मजबूर होते हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग महिला- पुरुष तथा महिलाओं को उठानी पड़ती है। जिसका फायदा आसाजिक तत्व यात्री बनकर टिकट के लिए भीड़ का हिस्सा बनकर उठाते हैं। मौका देखकर किसी का पॉकेट मारते हैं तो किसी का गले का चेन निकाल लेते हैं। यात्री बाद में थकहार कर अपने घर को चले जाते हैं। अगर कोई पीडि़त यात्री भूल से भी इसकी शिकायत रेल थाना में कर दी तो समझ ले उसकी खैर नहीं। पीडि़त को सांत्वना देने के जगह तरह-तरह के सवाल किए जाते हैं कि जैसे इसमें उसकी ही गलती है।
क्या कहते है अधिकारी
स्थानीय वाणिज्य अधीक्षक राज किशोर गुप्ता ने बताया की दिन में स्थानीय स्टेशन पर दो अनारक्षित टिकट काउंटर संचालित होता है तथा रात को एक। लेकिन कर्मी की कमी की वजह से दिन में एक ही अनारक्षित टिकट काउंटर खोला जाता है। उन्होंने बताया कि यहां कम से कम दस कर्मी की जरूरत है। लेकिन यहां मात्रा सात कर्मी हैं। इन सात में दो तीन कर्मी अगर छुट्टी पर चले जाते हैं। तब बचे चार- पांच कर्मी से ही किसी तरह काम लिया जाता है।
सुप्पी में आयोजित जनता दरबार में दो मामलों का हुआ निष्पादन
सुप्पी। भूमि विवाद मामलों की सुनवाई के लिए थाना परिसर में जनता दरबार का आयोजन किया गया। जनता दरबार में सीओ रामजी प्रसाद केसरी व प्रभारी थानाध्यक्ष विष्णु देव कुमार ने संयुक्त रुप से भूमि विवाद संबंधित 8 मामलों की सुनवाई की। जिसमें 2 मामलों का निष्पादन ऑन द स्पॉट किया गया। वही, अन्य मामलों में जरूरी कागजात के साथ दोनों पक्षों को अगली निर्धारित तिथि को आने को कहा गया। सीओ रामजी प्रसाद केसरी ने कहा कि कुछ मामलों की सुनवाई में दूसरे पक्ष अनुपस्थित थे। इस वजह से सुनवाई नहीं हो पाई। ऐसे लोगों को नोटिस के जरिए अगली तिथि पर उपस्थित रहने को कहा गया। कुछ मामलों में जरूरी कागजात के अभाव में सुनवाई अगली निर्धारित तिथि को रखी गई।