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Bihar News: लॉकडाउन से शहरों में काम बंद, गांव का रुख कर रहे प्रवासी, मुजफ्फरपुर स्टेशन से शिवहर तक जा रहे पैदल

बिहार में लॉकडाउन है इसकी वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है। लिहाजा मजदूरों को मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी से शिवहर पहुंचने के लिए मोटी रकम और भारी जहमत उठानी पड़ रही है। हालत यह हैं कि मजदूर पैदल ही घर आने को विवश है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 11:07 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 11:07 AM (IST)
Bihar News: लॉकडाउन से शहरों में काम बंद, गांव का रुख कर रहे प्रवासी, मुजफ्फरपुर स्टेशन से शिवहर तक जा रहे पैदल
शिवहर में पैदल ही घर लौटते प्रवासी। जागरण

शिवहर, जासं। कोरोना संक्रमण की वजह से महानगरों में पसरे सन्नाटों के बीच शहर छोड़ लोग गांव की ओर लौट रहे है। पिछले एक माह से प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे है। सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर तक ट्रेन के जरिए पहुंच रहे है। इसके बाद मजदूर अपने गांव पहुंच रहे है। शुरूआती दिनों में मजदूरों को आने में कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन अब जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है। लिहाजा मजदूरों को मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी से शिवहर पहुंचने के लिए मोटी रकम और भारी जहमत उठानी पड़ रही है। हालत यह हैं कि, मजदूर पैदल ही घर आने को विवश है।

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पुरानी दिल्ली के इलाके में सिलाई का काम करने वाले शिवहर के नेक मुहम्मद, सदरे आलम, मो. कैशर, मो. कौशर, मो. इलियास, मो. आजम, मो. मंसूरी व मो. जावेद समेत दो दर्जन लोग लाकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। तीसरी बार दिल्ली सरकार ने लाकडाउन की मियाद बढ़ा दी। बाजार-दुकान बंद रहने के चलते दाना-पानी की समस्या हुई तो मजदूरों ने गांव की राह पकड़ ली। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर उतरने के बाद शिवहर के लिए सवारी नहीं मिली। एक टेंपो वाला तैयार हुआ और जानवर की तरह टेंपो में ठूंस कर शिवहर पहुंचाया। बदले में प्रति व्यक्ति पांच-पांच सौ रुपये किराया वसूला।

महाराष्ट्र के पूणे के इलाके में फल बेचने वाले तरियानी के जय शंकर, संजीव कुमार, रहमत अली, मो. वसीर आदि के साथ भी यही स्थिति रही। सीतामढ़ी में ट्रेन से उतरने के बाद कोई सवारी नहीं मिला। जीप और टेंपो वाले तैयार भी हुए थे पांच-पांच सौ रुपये किराया मांगा। शर्त यह भी थी कि, पुलिस जहां रोकेगी वह यात्री को उतार देंगे। लिहाजा, इन लोगों ने 25 किमी की दूरी पैदल ही माप दी। रहमत अली ने बताया कि, विपदा के दौर में भी लोग मजबूरी का फायदा उठाने में लगे है। मो. वसीर ने बताया कि, डेढ़ घंटे में 25 किमी की दूरी पूरी कर ली। कहा, मजदूरों के हाथ में ही नहीं पैरों में भी दम कम नही है।


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