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बिहार का लापरवाह डाक्टर, महिला परिवार नियोजन का आपरेशन कराने गई और उसने..., स्वजन का आरोप- नशे में धुत था

मोतीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नशे में धुत्त चिकित्सक ने कर दिया गलत आपरेशन। मरीज को मोतीपुर से साहेबगंज भेजने पर सीएस ने उठाए सवाल पत्नी की मौत से सदमे में पति। सिविल सर्जन ने कहा कि वह अपने स्तर से इस पूरे घटना की पड़ताल करेंगे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 10:17 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 10:17 AM (IST)
बिहार का लापरवाह डाक्टर, महिला परिवार नियोजन का आपरेशन कराने गई और उसने..., स्वजन का आरोप- नशे में धुत था
इस घटना के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। प्रतीकात्मक फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। मोतीपुर पीएचसी में परिवार नियोजन की जगह चिकित्सक ने पेट का आपरेशन कर दिया। गलत आपरेशन से महिला की मौत हो गई। गुस्साए स्वजन ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सिविल सर्जन से शिकायत की। स्वजन का आरोप है कि चिकित्सक ने नशे में धुत्त होकर आपरेशन किया। जब मरीज की हालत बिगडऩे लगी तो उसे साहेबगंज भेज दिया गया। सिविल सर्जन डा. उमेश चंद्र शर्मा ने मरीज को साहेबगंज भेजने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मरीज की हालत बिगडऩे पर उसे सीधे सदर अस्पताल या एसकेएमसीएच भेजना चाहिए था। वहां नहीं भेजकर साहेबगंज भेजना नियम के अनुकूल नहीं है। सिविल सर्जन ने कहा कि वह अपने स्तर से इस पूरे घटना की पड़ताल करेंगे। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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इस तरह से चला घटनाक्रम

हरनाही निवासी मुनेश कुमार ने बताया कि उसकी भाभी रीना देवी 24 दिसंबर, 2021 को मोतीपुर पीएचसी में परिवार नियोजन कराने गई थी। वहां चिकित्सक ने परिवार नियोजन की जगह पेट का आपरेशन कर दिया। आपरेशन से पहले रीना देवी ने पांच हजार रुपये खाते से निकाल कर अपने पास रखे थे। चिकित्सक ने उसे भी ले लिया। चिकित्सक से जब पैसों के बारे में पूछा गया तो वह डांट फटकार करने लगा। उसके मुंह से शराब की बू आ रही थी। उसका पैर लडख़ड़ा रहा था आंखें चढ़ी हुई थी। आपरेशन के बाद जब मरीज की हालत बिगडऩे लगी तो चिकित्सक ने एंबुलेंस से उसे साहेबगंज के प्राइवेट अस्पताल में भेज दिया। वहां के चिकित्सक ने भी हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां डाक्टर ने बताया कि मरीज का गलत आपरेशन कर दिया गया है। वहां सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने को कहा गया।

दो जनवरी, 2022 को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया। यहां उसका आपरेशन किया गया। चार फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। चिकित्सक ने दो माह बाद फिर आपरेशन कराने की सलाह दी। कर्ज लेकर 1,62,000 रुपये खर्च किया गया। पांच मई को महिला की मौत हो गई। सिविल सर्जन डा. उमेश चंद्र शर्मा घटना गंभीर है। मरीज का इलाज किस तरह से किया गया। जांच के बाद ही पता चलेगा। जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी । 


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