Positive India : सोशल मीडिया पर चला रहे खेतीबाड़ी की पाठशाला, उत्तर बिहार के किसान लेते सलाह, जानिए...
किस फसल में कितनी खाद डालें..बागवानी पर कम से कम प्रतिदिन 50 किसानों के सवाल इसका सटीक जवाब फटाफट। डॉ. नवलकिशोर चौधरी प्रतिदिन किसानों को ऐसी ही सलाह दे रहे हैं।
समस्तीपुर(पूसारोड), चंद्रभूषण मिश्र। लॉकडाउन के बीच सोशल मीडिया, मोबाइल व वाट्सएप पर खेतीबाड़ी की पाठशाला। किस फसल में कितनी खाद डालें..बागवानी पर कम से कम प्रतिदिन 50 किसानों के सवाल, इसका सटीक जवाब फटाफट। कोरोना से बचाव की बातें, समाज और सामाजिकता की भी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि, पूसा से एग्रोनॉमी विभाग से अवकाशप्राप्त प्राध्यापक डॉ. नवलकिशोर चौधरी प्रतिदिन किसानों को ऐसी ही सलाह दे रहे हैं।
पूसा प्रखंड के श्रीरामपुर अयोध्या गांव के मूल निवासी डॉ. नवलकिशोर से किसान पहले व्यक्तिगत तौर पर मिलते और जानकारी लेते थे। लेकिन, कोरोना के चलते अब ऐसा नहीं हो रहा। कोई फोन तो कोई वाट्सएप पर जानकारी मांगता है। खुद की दिनचर्या से मुक्त होकर ये उनकी जिज्ञासा व सवालों के जवाब देते हैं।
आम और लीची के मंजर से संबंधित सलाह भी देते
कृषि संबंधी जानकारी लेनेवाले किसानों में आम और लीची उत्पादक भी हैं। बदलते मौसम में मंजर और फलों की रक्षा कैसे करें आदि की जानकारी देते हैं। ये बताते हैं कि यह समय कई फसलों की कटाई और नई के लिए खेतों को तैयार करने का वक्त है। उनके फोन पर हर रोज औसतन 50 किसानों के फोन और मैसेज आते हैं। उन्होंने समय भी निर्धारित किया है, जिससे कि उनकी दिनचर्या प्रभावित न हो। वे किसानों से विपरीत समय में धैर्य रखने और समय के माकूल खेती करने की सलाह देते हैं। किसानों के सवाल मंजर, सब्जी, मूंग और पशु चारा से जुड़े होते।
जैविक उर्वरक अपनाने की प्रेरणा
उनका मानना है कि किसान अभी बाजार न जाएं। उर्वरक की खरीद आदि से बचें। इस दौर में अगर उन्हें उर्वरक की जरूरत होती है तो उसके लिए जैविक तरीका अपनाएं। अगर लतर वाली सब्जी में कीड़े का प्रकोप है तो ठंडी राख और केरोसिन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
उत्तर बिहार के किसान लेते सलाह
लॉकडाउन के इस दौर में उन्हें उत्तर बिहार के अलग-अलग जिलों से फोन आते हैं। शनिवार की सुबह उन्हें मुजफ्फरपुर के बहरामपुर के रामएकबाल ठाकुर, वैशाली जंदाहा के गंगा प्रसाद चौधरी, करनौती के रामनिवास सिंह और विशुनपुर कैजिया के विश्वरंजन ने फोन कर जानकारी ली।