यहां जब अस्पतालों में हंगामे-हमले की बढ़ी घटना तो चिकित्सकों ने उठाए ये कदम East Champaran News
सरकारी व्यवस्था से निराश चिकित्सकों ने सुरक्षा के लिए बाइकर्स टीम की मदद लेनी शुरू की। आए दिन मारपीट और मिलने वाली धमकी से थे परेशान।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। निजी चिकित्सकों के सामने सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। यह उनके लिए चिंता का भी विषय है। आए दिन होने वाले हंगामों, हमले एवं धमकियों के कारण चिकित्सा जगत परेशान है। इससे बचाव के लिए कई बार चिकित्सकों ने जिला प्रशासन से भी कारगर व्यवस्था की मांग की। मगर, कोई संतोषजनक व्यवस्था नहीं हुई। अंतत: मोतिहारी के चिकित्सकों ने खुद के स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था कायम की है। होनेवाले हमलों एवं हंगामे की स्थिति से उबरने के लिए खुद का सुरक्षा चक्र विकसित किया है। निजी सुरक्षा एजेंसी से गार्ड लिए गए हैं। बकायदा एक दर्जन से अधिक की संख्या में सक्रिय सुरक्षा कर्मी पूरे दिन भ्रमणशील रहते हैं। हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मियों के पास बाइक भी होती है और ये लगातार चिकित्सक व उनकी क्लीनिक की सुरक्षा के लिए गश्त लगाते रहते हैं। कोशिश यह रहती है कि कहीं भी कोई अप्रिय घटना न होने पाए।
इस संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार सिन्हा ने बताया कि सुरक्षा को लेकर हमारी ङ्क्षचता है। आए दिन असहज स्थिति बनती रहती है। चिकित्सकों के क्लीनिकों पर हंगामें से लेकर उन्हें धमकी देने की बात आम है।
ऐसे में हम क्या करें। खुद के स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था कायम करनी पड़ी है। लाखों रुपये इस मद में हमें खर्च करने पड़ते हैं। इस राशि को हम आपसी सहयोग से जुटाते हैं। यह टीम पिछले डेढ़ वर्ष से सक्रिय है। पूरे दिन गश्त लगाने के बाद रात में भी ऑल कॉल ये अपनी सेवाएं देते हैं। इस व्यवस्था से हमें राहत जरूर मिली है। इधर, बंगाल की घटना ने हमारी ङ्क्षचता को और बढ़ा दिया है। आखिर ऐसे माहौल में कैसे काम किया जाए। मंगलवार को भी बेतिया में एक महिला चिकित्सक के साथ दुर्य्ारवहार किया गया है। मोतिहारी में भी यह आम बात है।
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