कम Man power के बावजूद दो से ढाई सौ मरीजों का होता प्रतिदिन इलाज Muzaffarpur News
छह चिकित्सक के भरोसे साढ़े तीन लाख की आबादी। छह पद खाली। स्वीकृत पद के अनुसार न पारा मेडिकल स्टाफ। न ड्रेसर व कंपाउंडर।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। केंद्र व राज्य सरकार आमलोगों को स्वस्थ रखने को कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली इसमें बाधक बनी हुई है। मुशहरी प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में कर्मियों की भारी कमी है। चिकित्सकों के 12 पदों में मात्र छह कार्यरत हैं। यही छह चिकित्सक प्रखंड क्षेत्र की साढ़े छह लाख की आबादी को चंगा रखने की मशक्कत कर रहे हैं। सात आयुष चिकित्सक समेत दंत चिकित्सक से भी ओपीडी का कार्य लिया जाता है। मरीजों की संख्या इतनी होती है कि एक चिकित्सक प्रतिदिन दो से ढाई सौ तक का इलाज करते हैं।
न कंपाउंडर है न ड्रेसर
सीएचसी में कार्यरत चिकित्सकों को ही कंपांउडर से लेकर ड्रेसर तक का काम करना पड़ता है। साफ-सफाई का काम आउटर्सोसिंग से कराया जाता है। तीन मंजिला भवन में जरूरत के अनुसार सफाई कर्मी नहीं होने का प्रभाव सफाई व्यवस्था पर पड़ता है।
जांच को लैब तकनीशियन नहीं
लैब तकनीशियन के नहीं होने से मरीजों को पैसे खर्च कर निजी जांच घर में जांच करानी पड़ती है। एएनएम आर के 41 खाली हैं। पाइप लाइन नहीं होने के कारण एंबुलेंस से मरीजों को बाहर ले जाने के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा नहीं मिलती। सीएचसी में हिमोग्लोबीन, टीसी-डीसी, विडाल, टीवी, एचआइवी, ब्लड सुगर एवं बीपी जांच की सुविधा तो है, लेकिन एक्सरे सेवा नहीं है।
एपीएचसी में भी सुविधाएं नहीं
जमालाबाद, शेखपुर, शेरपुर, पकड़ी इस्माइल व मादापुर स्थित एपीएचसी की हालत काफी खराब है। एक को छोड़ कर वहां न चापाकल है और न शौचालय। चिकित्सक अपने रोस्टर के अनुसार जाते जरूर हैं, लेकिन आवश्यक उपकरणों के अभाव में मरीजों का सही से इलाज नहीं हो पाता। यहां आयुष्मान भारत योजना, मातृ शिशु सुरक्षाा कार्यक्रम, जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम व एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम संचालित है जिसका लाभ मरीजों को मिलता है।
मरीजों की व्यथा
इलाज कराने आए मुशहरी के संजय सहनी ने बताया कि डकॅक्टर साहेब से जांच कराकर दवा के लेल बैठल हती। पूछने पर बताया कि दो बजे के पहले आने पर जल्दी मिल जाइअ दवा। सुनीता देवी, राधा देवी, कुसमी देवी, राजेश कुमार आदि ने बताया कि सरकार जे दवाई देई छई ओ मिल जाई छई बाकी त बाहरे से लेबे के होतई।
उपलब्ध संसाधन के अनुसार हो रहा काम
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उपेन्द्र चौधरी ने कहा कि सरकार ने जो संसाधन उपलब्ध कराया है उसके अनुसार कार्य हो रहा है। नाइट ड्यूटी में रहने वाले चिकित्सक के आवासीय क्वार्टर की हालत बेहद खराब है। छत का प्लास्टर भी गिरता है। बावजूद कार्य बेहतर तरीके से हो रहा है।