समस्तीपुर की डॉक्टर बेटी बनी आइटीबीपी की असिस्टेंट कमांडेंट, अभी कर रहीं कोरोना मरीजों की सेवा
देश की पहली महिला आइटीबीपी की ऑफिसर बनने का श्रेय भी समस्तीपुर की ही बेटी प्रकृति को जाता है। एनसीआर में करोना मरीजों की सेवारत हैं डा प्रिया भारती।
समस्तीपुर, जेएनएन। रोसड़ा की डॉक्टर बेटी आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट बनकर देश की सेवा में जुट गई है। आइटीबीपी में अपना पद संभालने के तुरंत बाद डॉ प्रिया भारती गृह विभाग के निर्देश पर कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में दिनरात जुटी है। वर्तमान में एनसीआर में लगातार अहर्निश सेवामहि: को मजबूत कर रही है। आरएमसी कॉलेज लोनि, अहमदनगर से एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर प्रिया ने देश सेवा का संकल्प लिया। अपनी लगन और मेहनत के बल पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में उसका सलेक्शन हुआ।
इंडियन तिब्बतन पॉलिस फोर्स (आइटीबीपी) में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में प्रिया की पोङ्क्षस्टग भी हो गई। रोसड़ा के प्रख्यात शिक्षाविद हायर सेकेंडरी उच्च विद्यालय के फाउंडर प्रधानाध्यापक स्वर्गीय देवनंदन प्रसाद ङ्क्षसह की परपौत्री प्रिया, शहर के लक्ष्मीपुर निवासी डॉ अमरेंद्र कुमार ङ्क्षसह उर्फ पप्पू जी की पुत्री है। बचपन से ही मेधावी प्रिया की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा दिल्ली में ही संपन्न हुई। वह एयर फोर्स बाल भारती पब्लिक स्कूल तथा संत थॉमस स्कूल से अच्छे अंको से मैट्रिक तथा इंटर की परीक्षा उतीर्ण करने के पश्चात अपनी मेधा के बल पर ही बेटी ने एमबीबीएस में दाखिला लिया और डॉक्टर बन देश सेवा में लग गई।
प्रिया की सफलता ने अपने परिवार के साथ साथ समाज और क्षेत्र का नाम रौशन किया है। पिता एवं परिजनों को बधाई तथा बेटी को आशीर्वाद देने का तांता लगा है। बता दें कि आईटीबीपी की पहली महिला कमांडेंट बनने का सौभाग्य समस्तीपुर जिले की ही बेटी प्रकृति को जाता है। प्रकृति शहर से सटे केवस निजामत गांव की रहने वाली है। उसकी मां ताजपुर उच्च विद्यालय में शिक्षिका है जबकि उसके पिता एयरफोर्स में कार्यरत हैं।