Muzaffarpur Lockdown Update: घर में ही करें मां दुर्गा का पाठ, सरकार के दिशा-निर्देश को बंधन न समझें
यह पहला अवसर है जब वासंतिक नवरात्र के दौरान रमना स्थित मां राज राजेश्वरी देवी मंदिर के दरवाजे बंद रखकर पूजा-अर्चना की गई है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। यह पहला अवसर है, जब वासंतिक नवरात्र के दौरान रमना स्थित मां राज राजेश्वरी देवी मंदिर के दरवाजे बंद रखकर पूजा-अर्चना की गई है। इसकी गिनती उत्तर बिहार की प्रमुख शक्तिपीठों में की जाती है। यहां सालोंभर भक्तों का तांता लगा रहता है। मंदिर के पुजारी आचार्य अमित तिवारी बताते हैं कि यहां दूर-दूर से लोग श्रद्धा के साथ अपनी मुरादें लेकर आते हैं।
मान्यता है कि मंदिर में स्थापित मां षोडशी भक्तों की हर मुराद पूरी करती हैं। माता की सिंदूर व दूब से पूजा करने पर वे खुश होती हैं। कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन से मिले निर्देश व भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट बंद किए गए हैं। हालांकि नियत समय पर उनके द्वारा मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की जा रही है। उन्होंने भक्तों से अपील की है कि वे घर में ही बैठकर मां की पूजा-अर्चना करें। हम सबको अपने साथ-साथ दूसरों की सेहत का भी ध्यान रखना है।
अभी देश के हर नागरिक का दायित्व है कि वे सरकार के दिशा-निर्देश को बंधन न समझें। इनका पूरी तरह पालन करें। संकट की इस घड़ी में सजग रहकर ही स्वस्थ रहा जा सकता है। मां का है षोडशी स्वरूप बताते हैं कि मंदिर की स्थापना 28 जून, 1941, आषाढ़ शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को की गई थी। इसे धर्मानुरागी उमाशंकर प्रसाद उर्फ बच्चा बाबू ने बनवाया था। यहां मां आदिशक्ति के षोडशी स्वरूप की प्रतिमा स्थापित है। इसकी गिनती दस महाविद्या में होती है। कहा जाता है कि महर्षि दुर्वासा ने भी माता के इस स्वरूप की आराधना की थी। माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।