Move to Jagran APP

औद्योगिक क्षेत्र में मजदूर सैकड़ों पर शौचालय एक भी नहीं

मुजफ्फरपुर पटना के बाद दूसरा सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र माना जाता है, लेकिन यहां दर्द से भरी कहानी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 01:52 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 01:52 PM (IST)
औद्योगिक क्षेत्र में मजदूर सैकड़ों पर शौचालय एक भी नहीं
औद्योगिक क्षेत्र में मजदूर सैकड़ों पर शौचालय एक भी नहीं

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर पटना के बाद दूसरा सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र माना जाता है, लेकिन यहां दर्द से भरी कहानी है। यहां स्वच्छ भारत अभियान की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है। आश्चर्य इस बात है कि इस इलाके में प्रशासन और बियाडा के स्तर से एक भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं कराया जा सका है। जो कि अपने आप में बेहद शर्मनाक है। जबकि औद्योगिक क्षेत्र में सैकड़ों मजदूर दिन-रात विभिन्न फैक्ट्रियों में काम करते हैं।

loksabha election banner

यहां सैकड़ों उद्योग लगे हैं, जिससे सरकार को सालाना करोड़ों रुपए का राजस्व मिलता है। मगर सरकार यहा अब तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं करवा पाई है। आलम यह है कि लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। शाम होते ही मच्छर इन्हें नोच खाते हैं। बावजूद इससे बचने का कोई उपाय नहीं। नगर निगम के तरफ से भी फॉगिंग नहीं कराई जाती। फैक्ट्रियों से निकलने वाले अवयवों से नालियां प्रदूषित रहती ही हैं, मजदूर भी मजबूर बस शौच के लिए नालियों का ही सहारा ले रहे हैं। कुछ कामगार शौच के लिए खेतों में दूर तक जाते हैं। जमींदार कभी-कभी उनको शौच से रोक भी देते हैं।

औद्योगिक क्षेत्र बने कई वर्ष बीत गए, लेकिन यहां शौचालय बनाने की दिशा में किसी ने सोचा तक नहीं। अब नये डीएम के आने से उद्यमियों में कुछ आशा की किरण जगी हैं। पिछले दिनों नये जिलाधिकारी ने उद्यमियों और बियाडा के अधिकारियों को बुलाकर बैठक की थी। उस बैठक में उद्यमियों ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर अपनी बात मजबूती से रखी थी। यह समस्या फेज-वन और टू दोनों क्षेत्रों की हैं। लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष श्याम भीमसेरिया ने कहा कि उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र के अंदर 10 साल से अधिक से बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। उस इलाके में मोबाइल की नेटवर्क भी ठीक नहीं रहती।

डीएम मो. सोहैल ने पूछे जाने पर बतया कि बियाडा के अधिकारी को बुलाकर बात की गई है, हम औद्योगिक क्षेत्र को देख रहे हैं, कुछ दिनों में हल निकल जाएगा।

सार्वजनिक पेयजल की सुविधा नहीं

औद्योगिक क्षेत्र के फेज वन और फेज टू में पेय जल की भी भारी दिक्कत है। पानी सप्लाई के लिए बने दो जलमीनार टावर 40 वर्षो से अस्तित्व विहीन है। सीवर, चौड़ी सड़कें और स्ट्रीट लाइन नहीं होने से उद्यमी परेशान हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.