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जागरण विमर्श: कोरोना वायरस से डरने की नहीं, इससे सजग रहने की जरूरत Muzaffarpur News

गर्मी बढऩे के साथ वायरस का प्रभाव कम हो जाने का अनुमान। बचाव की कोई दवा या टीका अभी उपलब्ध नहीं लक्षणों के आधार पर होता इलाज। बचाव को यह रखे ख्याल...

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 11:20 PM (IST)
जागरण विमर्श: कोरोना वायरस से डरने की नहीं, इससे सजग रहने की जरूरत Muzaffarpur News
जागरण विमर्श: कोरोना वायरस से डरने की नहीं, इससे सजग रहने की जरूरत Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसके विषय में सजग रहने की  जरूरत है। यह वायरस जितना जल्दी सक्रिय हुआ है उतना जल्दी इसका असर भी समाप्त होगा। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी उसके साथ यह अनुमान है कि इसका अंत हो जाएगा। जागरण विमर्श में सोमवार को श्रीहॉस्पिटल के संचालक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. एके दास ने उक्त बातें कहीं।

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उन्होंने बताया कि इसके बचाव की कोई दवा या टीका बाजार में नहीं आया है। कोई बीमार हो रहा है तो उसके लक्षण के आधार पर इलाज किया जा रहा है। वायरस के हाई रिस्क गु्रप में बच्चे, वृद्ध व गंभीर रूप से बीमार लोग हैं। जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक कोरोना वायरस से उत्पन्न महामारी के कारण मरने वालों की संख्या अबतक 908 है। वहीं 40 हजार से अधिक इसकी जद में हैं।

 अबतक  22 देशों में कोरोना वायरस के कई मामलों की पुष्टि हुई है। इसमें मुख्य रूप से थाईलैंड, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। भारत रिस्क मामले में विश्व में 17 वें नंबर पर है। इसलिए हमें बहुत अधिक भयाक्रांत होने की आवश्यकता नहीं है। भारत में अब तक इसके दो मामले सामने आएहैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन वायरस के प्रकोप को देखते हुए वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर चुका है।

कोरोना वायरस का समूह 

कोरोना वायरस (सीओवी) गु्रप ऑफ वायरस है। अभी जो वायरस है वह कोरोना वायरस समूह से जुड़ा है। इसे न्यू कोरोना वायरस कहा जा रहा है। सॉर्स भी इसी समूह का सदस्य था।  यह वायरस सी-फूड से जुड़ा है। यह माना जा रहा है इसकी शुरुआत चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाजार से हुई है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण पहली बार 31 दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में शुरू हुआ। 

 इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है। कहीं भी बाहर से आने या कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एहतियाती उपाय के तौर पर, पड़ोसी देशों से आने वाले यात्रियों की दिल्ली, मुंबई तथा कोलकाता हवाई अड्डों पर थर्मल स्कैनर से जांच करने का निर्देश दिया है। 

जानवरों से मनुष्य में वायरस का प्रवेश 

 कोरोना वायरस जानवरों में होता है। उनके जरिए यह जब मनुष्य में प्रवेश कर जाता है तो ज्यादा खतरनाक होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह सॉर्स वायरस से ज्यादा तेजी से फैलता है लेकिन इसकी मारक क्षमता सॉर्स से कम है।

इस लक्षण से करें बीमारी पहचान 

 इससे संक्रमित होने पर सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता है। यह बुखार फिर निमोनिया का रूप ले लेता है, उसके बाद शरीर के तमाम अंगों की  परेशानियों को बढ़ा देता है। जिससे आदमी की मौत भी हो जाती है। 

सॉर्स वायरस भी था खतरनाक  

लगभग 18 साल पहले सॉर्स वायरस से भी ऐसा ही खतरा बना था।  2002-03 में सॉर्स की वजह से पूरी दुनिया में 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। 

बचाव को यह रखे ख्याल 

 - चीन से लौटे व्यक्ति से दूर रहें। 

-सब्जी और फलों को खाने से पहले अच्छी तरह धोएं।

-जिन देशों या जगहों पर इस बीमारी का प्रकोप फैला है, वहां यात्रा करने से बचें। 

-सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक यातायात के साधनों में कुछ भी छूने या किसी से हाथ मिलाने से बचें।

-खाने से पहले हर व्यक्ति अपने हाथ साबुन-पानी या हैंड सैनेटाइजर से साफ करें।

-जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों वह सार्वजनिक यानी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। खांसते या छींकते हुए अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें। 

-मीट व अंडों को खाने से पहले अच्छे से पकाएं। 


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