डीएम ने कहा- बेटियों को दें भरपूर प्यार, मान-सम्मान व अधिकार
बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान के तहत माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के प्रथम दिन लिंग भेद पर चर्चा । पांच दिवसीय कार्यशाला का डीएम ने किया उद्घाटन।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। समाज में कहा यह जाता है कि बेटियों को भरपूर प्यार दें। उन्हें मान-सम्मान दें। बेटों की तरह उन्हें भी जिंदगी जीने का अधिकार दें। मगर विडंबना है कि बेटियां अपनों में ही उपेक्षित होती है। शुरुआत घर से ही होती है। आगे चल कर उन्हें समाज की भी उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। जन्म के साथ ही बेटे-बेटियों में फर्क शुरू हो जाता है। बेटे को बेटियों से अधिक सुविधाएं व महत्व दिया जाता है।
वहीं बेटियों को घर के काम में उलझा दिया जाता है। उन्हें हमेशा यह अहसास दिलाया जाता है कि उसे शादी कर दूसरे घर जाना है। बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान के तहत 'माहवारी स्वच्छताÓ प्रबंधन पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन में लिंग भेद पर चर्चा की गई।
उद्घाटन करते हुए जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने कहा कि सरल प्रबंधन उपायों के माध्यम से किशोरियों एवं महिलाओं के जीवन में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। इसे सिर्फ स्वच्छता प्रबंधन के रूप में न देख कर समग्र रुप से मानव अधिकार के रूप में देखा जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार बेटियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।
बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। बेटियों के प्रति नजरिया बदल रहा है। बेटियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। आइसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ललिता कुमारी ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में मास्टर टे्रनर तैयार करना है। ये ग्रामीण क्षेत्र में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे।
जिला परियोजना प्रबंधक मो. गौस अली हैदर खान ने कहा कि दूसरे दिन माहवारी पर चर्चा होगी। जिला परिषद अध्यक्ष इंद्रा देवी ने आयोजन की सराहना की। डब्ल्यूएसएससीसी के प्रशिक्षक कोमल राम दे, इशलीन कौर, डा. सरोज, पुष्कर कुमार ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। आकांक्षी जिला कोषांग, गृह मंत्रालय की एडीएफ अन्नुश्री तिवारी व जयश्री राठौर आयोजन के सफल संचालन को लेकर जुटी रहीं।