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World Handicapped Day : घोषणाओं की बारिश के बीच सुविधाओं काे तरस रहे दिव्यांग Muzaffarpur News

World Handicapped Day दिव्यांगों की सुविधा के नाम पर छलावा घोषणाएं कागजों तक ही सिमटीं। पंचायतों से लेकर प्रखंडों तक बिचौलियों के शोषण का शिकार।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 08:39 AM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 08:39 AM (IST)
World Handicapped Day : घोषणाओं की बारिश के बीच सुविधाओं काे तरस रहे दिव्यांग Muzaffarpur News
World Handicapped Day : घोषणाओं की बारिश के बीच सुविधाओं काे तरस रहे दिव्यांग Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दिव्यांगों की सुविधाओं को लेकर सरकारी घोषणाएं अब भी धरातल पर पूरी तरह से नहीं उतरी हैं। हालांकि घोषणाओं के मद्देनजर कुछ सकारात्मक कार्य अवश्य हुए हैं। फिर भी दिव्यांगों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। पंचायतों से लेकर प्रखंडों तक बिचौलियों के शोषण का शिकार होना पड़ता है। दिव्यांगों की सुविधाओं को लेकर राज्य निशक्तता आयुक्त द्वारा दिए गए आदेश का एक लंबा अरसा गुजरने के बाद भी अबतक इसके जमीन पर उतरने का इंतजार है।

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  दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत कई तरह की सुविधाएं मिलनी हैं। मगर पेंशन योजना से लेकर बैंकों से मिलने वाले ऋण का लाभ लेने के लिए भी उन्हें बिचौलियों के शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।

इस बारे में जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक ब्रज भूषण कुमार ने कहा कि दिव्यांगों के लिए चलने वाली सरकार की योजना का लाभ उन्हें सुगमता पूर्वक मिले इसकी व्यवस्था की गई है। दिव्यांगों को प्राथमिकता के अनुसार सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

दिव्यांगों की ये सुविधाएं मिलनी हैं

- बस पड़ाव पर रैम्प व बसों में सीट आरक्षित।

- मुख्यमंत्री निशक्तता विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ।

-स्कूल- कॉलेज की कक्षा तक पहुंचने के लिए रैम्प।

- शौचालय की व्यवस्था।

- विशेष शिक्षकों की नियुक्ति।

- बैंकों में पहुंचने के लिए रैम्प या लिफ्ट की व्यवस्था।

- बैंकों द्वारा देने वाले ऋणों में पांच प्रतिशत ऋण।

- रेलवे जंक्शन पर चलंत पाथ बनाने के साथ ही 12 व्हील चेयर की सुविधा।

- एक प्लेटफार्म से दूसरे पर जाने के लिए लिफ्ट की सुविधा।

दिव्यांगता में ये हैं शामिल

चलंत संबंधी दिव्यांगता, मांसपेशीय दुर्विकास, ठीक किया हुआ कुष्ठ, प्रमस्तिष्क घात, बौनापन, अम्ल हमले की पीडि़त, कम दृष्ट्रि, दृष्टिहीनता, श्रवण क्षति, सुनने में कठिनाई, वाक व भाषा दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता, विशिष्ट शिक्षण दिव्यांगता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, मानसिक रुग्णता, क्रोनिक स्त्रायविक स्थिति, बहुल काठिन्य, पार्किंसन रोग, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया व सिकल सेल रोग।

जिले में 25 हजार 15 को पेंशन सुविधा

जिले में बिहार निशक्तता पेंशन योजना एवं इंदिरा गांधी निशक्तता पेंशन पाने वाले दिव्यांगों की संख्या 25 हजार 15 है।

प्रखंड -- संख्या

औराई - 823

बंदरा : 844

मोतीपुर : 1604

बोचहां : 1721

मुरौल : 851

कांटी : 1450

कटरा : 952

कुढऩी : 1579

मड़वन : 952

मीनापुर : 2027

मुशहरी : 2830

पारु : 1513

साहेबगंज : 1042

सकरा : 2265

सरैया : 1972

गायघाट : 940

168 को ही मिली ट्राइ साइकिल

समाज कल्याण विभाग द्वारा जिले में 2018-19 में 168 दिव्यांगों को ही ट्राइसाइकिल योजना का लाभ मिला है। वहीं 2019-20 के लिए 144 का डिमांड भेजा गया है।

एटीएम तक पहुंचने के लिए रैम्प की सुविधा

भारतीय स्टेट बैंक ने दिव्यांगों को एटीएम तक पहुंचने में सुविधा को लेकर लकड़ी के अस्थायी रैम्प की व्यवस्था की। शहर के कई एटीएम में यह सुविधा दी गई। मगर कई एटीएम के पास इसे किनारा कर रख दिया गया है। तैनात गार्ड का तर्क है कि दिव्यांग नहीं आते इसलिए हटा दिया गया है। अगर कोई दिव्यांग आएंगे तो उसे लगा दिया जाएगा।  


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