Move to Jagran APP

Coronavirus: शिवहर में जिला जज ने प्रशासन की लापरवाही पर उठाए सवाल, लगा यह आरोप

शिवहर में जिला जज ने गृहविभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजा पत्र। सामुदायिक किचन में अनियमितता का आरोप। कोरोना संक्रमण से बचाव के मुकम्मल उपाय नहीं।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 05:27 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 05:27 PM (IST)
Coronavirus: शिवहर में जिला जज ने प्रशासन की लापरवाही पर उठाए सवाल, लगा यह आरोप
Coronavirus: शिवहर में जिला जज ने प्रशासन की लापरवाही पर उठाए सवाल, लगा यह आरोप

शिवहर, जेएनएन। शिवहर में कोरोना संकट को ले जिला प्रशासन की व्यवस्था पर जिला जज त्रिभुवन नाथ ने कई सवाल उठाए हैं। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को स्वयं संज्ञान लेने को पत्र भी भेजा है। 

loksabha election banner

प्रेषित पत्र में लिखा गया है कि मैंने न्यायालय प्रबंधक के मुख्यालय में संचालित सामुदायिक किचन का निरीक्षण किया। जहां प्रतिनियुक्त मौजूद दंडाधिकारी मनोरंजन कुमार ने जो बातें बताई वह चौंकाने वाली है। बताया गया कि यहां चार - पांच कोरोना संदिग्ध रखे गए हैं। वहीं पॉलीटेक्निक कॉलेज के डेढ़ दर्जन छात्रों के खाने की व्यवस्था है लेकिन यहां किचन नहीं चलता। सभी के लिए खाना होटल से पैकिंग होकर आता है। मौजूद रजिस्टर में खाना खाने वाले का नाम व हस्ताक्षर मौजूद मिला। वहां वृद्ध दिव्यांग व अनाथों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। 

 इस बीच आपदा पदाधिकारी अशोक कुमार दास व एसडीएम विनीत कुमार पहुंचे जिन्होंने बताया कि ऐसी व्यवस्था यहां शुरू से ही है। एक और लापरवाही सामने आई कि मौजूदा वक्त में जहां संक्रमण का इतना अधिक खतरा है होटल से मंगाए गए खाद्य पदार्थों की जांच के लिए डॉक्टर भी नहीं है। जिला जज ने सवाल उठाए  कि इस तरह सामुदायिक किचन का संचालन स्वास्थ्य विभाग एवं सरकारी निर्देश का उल्लंघन है वहीं बगैर जांच के भोजन देने से फूड प्वाइजनिंग वह संक्रमण का कारण बन सकता है।यह सीधे तौर पर लापरवाही, कथनी करनी में अंतर के साथ प्रशासनिक पारदर्शीता का हनन भी है। 

बिना सुरक्षा कवच के कोरोना पॉजिटिव मरीज की देख रेख

जिला जज सह जिला विधिक प्राधिकार अध्यक्ष त्रिभुवन नाथ ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि मुख्यालय स्थित क्वारंटाइन सेंटर जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज रखा गया है वहां भी जरुरी सावधानी नहीं बरती जा रही। निरीक्षण में पाया गया कि प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट सह सीओ बिना मास्क व हैंड ग्लब्स के मिले। हद तो यह कि वहां मौजूद चिकित्सक के पास पीपीई किट नहीं था महज एक मास्क लगाकर डाक्टर काम करते दिखे।

वही हाल मौजूद सुरक्षाकॢमयों का भी देखा गया। बताया गया कि किट की उपलब्धता नहीं है। ऐसे संवेदनशील कोरोना पॉजिटिव मरीज वाले स्थान पर बिना सुरक्षा कवच के रहना कई सवाल खड़े करता है। यहां संक्रमण पर विराम लग रहा या बढ़ावा सोचने जैसा है। 

 जिला जज ने सवाल उठाया है कि  वैश्विक महामारी और लॉकडाउन में अनाथ, दिव्यांग, वृद्ध, एवं जरुरतमंद मजदूरों के लिए सामुदायिक किचन नहीं चलाना जिला प्रशासन की शिथिलता का प्रमाण है। वहीं दूसरी ओर कोरोना योद्धाओं के लिए आवश्यक किट उपलब्ध नहीं कराया जाना एक बड़ी लापरवाही। सामुदायिक किचन की झूठी घोषणा कोरोना संक्रमितों के साथ एक मायने में छल है जबकि केंद्र और राज्य सरकार लगातार तत्संबधी दिशा-निर्देश दे रही।

अपर मुख्य सचिव से मांग की गई है कि स्वयं संज्ञान लेते हुए सरकार की मंशा के अनुरूप सामुदायिक किचन का संचालन की समुचित व्यवस्था की जाए ताकि वह जरुरतमंदों के लिए सहायक सिद्ध हो। वहीं जिला प्रशासन द्वारा मलीन बस्तियों में मौजूदा वक्त में ज़रुरी मसलन मास्क, साबुन, सैनेटाइजर, हैंड ग्लब्स एवं गमैक्सीन पाउडर आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। उक्त पत्र की प्रतिलिपि प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग एवं जिला दंडाधिकारी को भी प्रेषित की गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.