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बोले जिला प्रभारी मंत्री- इसी वित्तीय वर्ष में धरातल पर उतरेंगी बच्चों को बचाने की योजनाएं Muzaffarpur News

जिले के प्रभारी मंत्री श्याम रजक ने कहा एईएस से बच्चों की मौत पर सरकार संवेदनशील। अस्पताल में किन्हीं का आना महत्वपूर्ण नहीं बच्चों को बचाना ही प्राथमिकता।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 09:04 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 09:04 PM (IST)
बोले जिला प्रभारी मंत्री- इसी वित्तीय वर्ष में धरातल पर उतरेंगी बच्चों को बचाने की योजनाएं Muzaffarpur News
बोले जिला प्रभारी मंत्री- इसी वित्तीय वर्ष में धरातल पर उतरेंगी बच्चों को बचाने की योजनाएं Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस से बच्चों की मौत को लेकर सरकार संवेदनशील है। बीमारी के रिसर्च और इलाज को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवद्र्धन ने जिन योजनाओं की बात कहीं, उसे चालू वित्तीय वर्ष में धरातल पर उतारेंगे। ये बातें राज्य के उद्योग और जिला प्रभारी मंत्री श्याम रजक ने सोमवार को कहीं। एसकेएमसीएच में पीडि़त बच्चों का हाल जानने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश हो रही। किसी स्तर पर कोताही नहीं बरती जा रही। 

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 सौ से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यहां नहीं आने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि किन्हीं का आना महत्वपूर्ण नहीं, जितना मासूमों को बचाना। मुख्यमंत्री लगातार मॉनीटङ्क्षरग कर रहे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ राज्य के भी स्वास्थ्य मंत्री रविवार को आए। उनके साथ विभाग के पदाधिकारी भी थे। इसलिए पूरी कोशिश बच्चों को बचाने की हो रही।

पीएचसी स्तर पर इलाज और जागरूकता अभियान जारी

मंत्री ने कहा कि प्रखंड स्तर पर आशा, आंगनबाड़ी सेविका से लेकर एएनएम को बीमारी से बचाव का प्रशिक्षण दिया गया है। गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभिभावकों को बच्चों के देखभाल की जानकारी दी जा रही। साथ ही, बीमारी के बाद उन्हें तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर लाने को कहा जा रहा है। सभी पीएचसी में भी दो-दो बेड की पीआइसीयू खोली गई है। वहां स्थिति नहीं संभालने पर बच्चों को एंबुलेंस से एसकेएमसीएच लाने की व्यवस्था है।

विषम परिस्थिति के बाद भी इस वर्ष एईएस पीडि़त करीब डेढ़ सौ बच्चों को बचाया गया है। यह बड़ी नहीं, मगर महत्वपूर्ण सफलता है। आगे इन्हें बचाने के लिए लगातार रिसर्च कार्य चलते रहेंगे।  

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