विवि परिसर से सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत करेंगे वित्तरहित शिक्षक
आठ वर्षों से अनुदान नहीं मिलने और सरकार द्वारा वित्तरहित कॉलेजों का अधिग्रहण नहीं करने समेत अन्य मुद्दों को लेकर वित्तरहित कॉलेजों के शिक्षक तीन अगस्त को बिहार विश्वविद्यालय स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा के सामने से सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
मुजफ्फरपुर। आठ वर्षों से अनुदान नहीं मिलने और सरकार द्वारा वित्तरहित कॉलेजों का अधिग्रहण नहीं करने समेत अन्य मुद्दों को लेकर वित्तरहित कॉलेजों के शिक्षक तीन अगस्त को बिहार विश्वविद्यालय स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा के सामने से सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत करेंगे। शिक्षक दो दिनों तक पैदल चलकर गांधी मैदान पहुंचेंगे और वहां गांधीजी की प्रतिमा के सामने आंदोलन को तेज करने की हुंकार भरेंगे। मंगलवार को संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी संघर्ष समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष डॉ. पीके शाही ने की। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने 2019 में राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह संबद्ध कॉलेज के शिक्षकों को अंगीभूत कॉलेज के शिक्षकों की तरह वेतन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराए। लेकिन, अबतक इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। इस सत्याग्रह के माध्यम से शिक्षक सरकार पर हाइकोर्ट के फैसले को लागू करने का दबाव बनाएंगे।
शिक्षक नेताओं ने कहा कि पहले जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर इसे लागू कराने को लेकर आग्रह किया जाएगा। अगर सरकार ने निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन तेज हाोगा।
बैठक में डॉ. अशोक कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. संत ज्ञानेश्वर, डॉ. नवल किशोर सिंह, डॉ. घनश्याम ठाकुर, डॉ. शशांक शेखर, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. सतीश कुमार, शशि शेखर ठाकुर, प्रो. रागिनी, प्रो. विनय कुमार, डॉ. महेश कुमार, प्रो. शैलेंद्र चौधरी आदि मौजूद थे।
डीईओ से शिक्षक खुदकुशी कोशिश मामले की मांगी रिपोर्ट तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक ने सीतामढ़ी डीईओ से शिक्षक द्वारा खुदकुशी करने की कोशिश मामले की रिपोर्ट मांगी हैं। सोशल मीडिया से जानकारी मिलने के बाद उन्होंने पत्र लिखा है।
उप निदेशक जीवेंद्र झा ने पूछा है कि प्राथमिक विद्यालय, लपटी टोला में पंचायत शिक्षक संजीव कुमार का वेतन जुलाई-2015 से क्यों रोका गया? ऐसे ही अन्य दर्जनों मामले में भी वेतन रोके जाने की सूचना है। पत्र मिलने के 24 घंटे के रिपोर्ट तलब की गई है। साथ ही कहा गया है कि इस संबंध में कोई दोषी पदाधिकारी, कर्मचारी हैं तो उनके बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालन किया जा सके।