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दिव्यांगता नहीं तोड़ सकी हौसला, मेहनत से कदम चूमने लगी सफलता

सड़क हादसे की वजह से चलने-फिरने में असमर्थ आशीष ने नए सिरे से शुरू किया जीवन। व्हीलचेयर बास्केटबॉल की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले हासिल कर चुके हैं जीत।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 11:34 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 10:36 AM (IST)
दिव्यांगता नहीं तोड़ सकी हौसला, मेहनत से कदम चूमने लगी सफलता
दिव्यांगता नहीं तोड़ सकी हौसला, मेहनत से कदम चूमने लगी सफलता

पश्चिम चंपारण, [मो. अब्बु साबीर]। सपना तो पढ़-लिखकर अफसर बनने का था, लेकिन किस्मत ने व्हीलचेयर पर बैठने को विवश कर दिया। इसके बावजूद हार नहीं मान मेहनत के बल पर रत्नमाला निवासी आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बास्केटबॉल व गोल्फ के उत्कृष्ट खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाई। वे भारतीय दिव्यांग बास्केटबॉल टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। अपने दम पर देश-विदेश में ख्याति अर्जित की है। कई मेडल जीते हैं।

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 नगर के वार्ड 24 न्यू कॉलोनी निवासी सुशील कुमार श्रीवास्तव व इंदू सिन्हा के पुत्र 22 वर्षीय आशीष वर्ष 2011 में 10वीं कक्षा में थे। घर से सब्जी लेने बाइक से बाजार गए। मुख्य सड़क पर तेज रफ्तार टेंपो ने ठोकर मार दी। बुरी तरह जख्मी हो गए। दिल्ली में लंबे इलाज के बाद चिकित्सकों ने कह दिया कि रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट है। वे अपने पैरों पर नहीं चल पाएंगे। इसके बाद उनकी जिंदगी व्हीलचेयर पर पहुंच गई।

 इस घटना से परिजन हताश हो गए। लेकिन, आशीष ने परिस्थिति से हार नहीं मानने हुए नए सिरे से जीवन की शुरुआत की। बचपन से खेल के प्रति रुचि थी। इसमें कुछ करने की सोची। इसी बीच उनकी मुलाकात दिल्ली के कोच राजीव विराट से हो गई। उनके सानिध्य में आशीष ने व्हीलचेयर बास्केटबॉल और गोल्फ की प्रैक्टिस शुरू की। जल्द ही उनकी मेहनत सफल हुई। पहले दिल्ली फिर भारतीय बास्केटबॉल टीम में जगह मिल गई।

इन जगहों पर भारतीय टीम का किया प्रतिनिधित्व

वर्ष 2014 में बांग्लादेश में त्रिकोणीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। इसमें भारत, बांग्लादेश और नेपाल की टीमों ने हिस्सा लिया था। आशीष ने इसमें भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वर्ष 2015 में हैदराबाद में इंडिया और थाईलैंड के बीच हुए मैच में भाग लिया। इनके बल पर भारतीय टीम विजयी हुई।

 उन्हें मेडल और प्रशस्तिपत्र मिला था। वर्ष 2016 में नई दिल्ली में फोर्थ नेशनल विजिटर बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भाग लिया। वर्ष 2018 में चेन्नई में फोर्थ विजिटर बास्केटबॉल चैंपियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व किया। आशीष बिहार के दिव्यांग बास्केटबॉल टीम के कप्तान भी हैं।

कोच और माता-पिता के आशीर्वाद से सफलता

आशीष अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद और कोच राजीव विराट को देते हैं। बताते हैं कि राकेश पांडेय और जयेश सिंह आदि ने मुश्किल घड़ी में साथ दिया। दिव्यांगता से घबराने से नहीं, सामना करने से मुश्किल आसान होती है। उनकी मदद से अन्य दिव्यांग भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे। यदि सरकार सहयोग करे तो निश्चित रूप से दिव्यांगों को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। उनके माता-पिता कहते हैं, दुर्घटना के बाद वे निराश थे। अब बेटे की सफलता देख मन प्रसन्न हो जाता है।


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