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विवि में चालू सत्र से डिजिटल लिटरेसी कोर्स शुरू

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय समेत राज्य के तमाम विवि में चालू सत्र से डिजिटल लिटरेसी कोर्स शुरू करने का राजभवन ने आदेश जारी किया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (एनआइईएलआइटी) की मदद से विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए यह कोर्स चालू किया जाना है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 01:13 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 01:13 PM (IST)
विवि में चालू सत्र से डिजिटल लिटरेसी कोर्स शुरू
विवि में चालू सत्र से डिजिटल लिटरेसी कोर्स शुरू

मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय समेत राज्य के तमाम विवि में चालू सत्र से डिजिटल लिटरेसी कोर्स शुरू करने का राजभवन ने आदेश जारी किया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (एनआइईएलआइटी) की मदद से विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए यह कोर्स चालू किया जाना है। डिजिटल स्किल डेवलप करने के लिए कई कोर्स और आधुनिक सुविधाएं भी हैं। केंद्र पर बिहार कौशल विकास द्वारा मान्यता प्राप्त डिजिटल लिटरेसी कुशल युवा प्रोग्राम-केवाईपी कोर्स, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की कोर्स व अन्य कई कोर्स चलाए जाते हैं। मगर, विश्वविद्यालयों में इस तरह के कोर्स का अभाव है। देश के हर परिवार में एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षर बनाना, माननीय प्रधानमंत्री के 'डिजिटल भारत' अभियान का एक अभिन्न अंग है। आइटी आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण देकर युवाओं को रोजगार के लिए दक्ष बनाने की यह पहल है। पीजी में तीन माह पढ़ाई अनिवार्य, राजभवन द्वारा गठित समिति की सिफारिश

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पीजी थर्ड सेमेस्टर में सिर्फ नौ दिन में नामांकन, पढ़ाई और परीक्षा की परिस्थितियों के बीच यह बात सामने आई है कि 90 दिनों से कम कक्षा लेने पर ऐसी परीक्षाएं नहीं ली जा सकतीं। दो साल के पीजी कोर्स के लिए सेमेस्टर सिस्टम लागू है और प्रत्येक सेमेस्टर के लिए 90 दिनों की पढ़ाई को अनिवार्य करार दिया गया है। राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा गठित तीन कुलपतियों की समिति ने यह सिफारिश की है। इसमें कमी होने पर समिति ने स्पेशल क्लास लेने का प्रावधान किया है। कहा है कि रविवार व अवकाश के दिनों में भी क्लास चलाकर उसकी भरपाई करनी है। उस परिस्थिति में जैसे-तैसे परीक्षा लेने का मामला वाकई व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा। पीजी सेशन पहले ही विलंब चल रहा। दूसरे विश्वविद्यालयों में कहीं-कहीं 2014-16 का रिजल्ट प्रकाशित होने को है, उन विश्वविद्यालयों में जून, 2019 तक यह सत्र पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं, इस विश्वविद्यालय में 2015-17 का अभी-अभी रिजल्ट भी आया है।


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