लक्ष्मी चौक पर व्यवसायियों ने दिया धरना, दुकानें बंद कर जताया विरोध
हमलावर एमआइटी छात्रों की पहचान कर गिरफ्तारी की मांग, ब्रह्मपुरा थाने में दिया आवेदन, एसएसपी ने कार्रवाई का दिया आश्वासन।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एमआइटी छात्रों और स्थानीय व्यवसायियों के बीच मंगलवार शाम हुई मारपीट से गुस्साए लोग बुधवार सुबह सड़क पर उतर आए। प्रदर्शन किया। व्यवसायियों ने दुकानें बंद रखीं। ब्रह्मपुरा के लक्ष्मीपुर चौक पर धरने पर बैठ गए। ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। थाने में आवेदन देकर हमलावर छात्रों की पहचान कर अविलंब गिरफ्तारी की मांग की। ऐसा नहीं होने पर शहर में बंदी और धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
आरोपितों की कराएंगे पहचान
उधर, दोनों पक्षों के बीच तनाव देखते हुए एमआइटी कैंपस में सिटी एसपी राकेश कुमार ने छात्रों, प्राचार्य, शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ बैठक की। उनसे शांति की अपील की। कुछ घंटे बाद एसएसपी मनोज कुमार लक्ष्मी चौक पहुंचे। व्यवसायियों के साथ बैठक की। उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया। एमआइटी प्राचार्य डॉ. जेएन झा भी व्यवसायियों से मिलने पहुंचे।
उन्होंने भी कहा कि दोषियों को चिह्नित किया जाएगा। अगर जरूरी हुआ तो आप सबको कैंपस में बुलाकर आरोपितों की पहचान कराई जाएगी। पीडि़तों के साथ धरने पर गरीब जनक्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास कृष्ण, लक्ष्मण साह, मुन्ना अंसारी, विकास नंदन, अली अंसारी, असलम और सतन पासवान समेत बड़ी संख्या में स्थानीय दुकानदार थे।
दोषियों को सामने लाकर रहेंगे
एसपी सिटी ने बताया कि एमआइटी में पूछताछ की गई। घटना में कौन लोग शामिल हैं, उन्हें चिह्नित किया जाएगा। छात्रों से अपील की गई है कि किसी के बहकावे में न आएं। अपना भविष्य देखते हुए पढ़ाई में ध्यान लगाएं। छात्रों की काउंसलिंग की आवश्यकता जताई गई है। घटना की वजह व हमलावरों को सामने लाया जाएगा। प्राचार्य सेकहा गया है कि वे अपने स्तर से दोषियों की पहचान करें। हमारे पास जो भी तथ्य व प्रमाण हाथ लगेंगे, उस आधार पर कार्रवाई होगी।
यह हुआ था मामला
लक्ष्मी चौक, लक्ष्मी मंदिर पर ताश-मीट की दुकान चलाने वाले व्यवसायी प्रकाश कुमार ने बुधवार को ब्रह्मपुरा थाने में आवेदन दिया। व्यवसायी का कहना है कि तीन फरवरी की शाम उनकी दुकान पर दो युवक मीट-रोटी खा रहे थे। किन्हीं बात को लेकर स्टाफ से उलझ गए। समझाने-बुझाने पर भी शांत नहीं हुए। हंगामा खड़ा कर दिया। एमआइटीयंंस होने की धौंस दे दुकान का सामान इधर-उधर फेंकने लगे।
फिर फोन कर दोस्तों को भी बुला लिया। यह देखकर फोन कर थानाध्यक्ष को बुलाना पड़ा। कुछ देर में प्राचार्य भी आए। उनको भी सारी बातें बताईं। सबने मामले को तूल नहीं देने की बात कही। अगले दिन सुबह पुन: पांच-छह छात्र आए। गाली-गलौज कर धमकाने लगे। पांच फरवरी की शाम 6.55 बजे 40-50 की संख्या में छात्र पहुंचे। होटल को तहस-नहस कर दिया।
दुकान मालिक प्रकाश कुमार, स्टाफ विकास कुमार, राजेश मंडल, अनिल कुमार, परमेश्वर महतो, जितू कुमार एवं अमरनाथ साह को रॉड, हॉकी स्टीक से मारने लगे। अगल-बगल के लोग बचाने दौड़े तो उपद्रवी काउंटर से 15 हजार रुपये व दुकानदार के गले से करीब दो भर की सोने की चेन छीन ले गए।