बोले डीजीपी, अगले माह सूबे के 600 थाने हो जाएंगे ऑनलाइन, शेष वर्ष के अंत तक Sitamarhi News
थानों को किया जाएगा सीसीटीएनएस तकनीक से लैस। एक क्लिक पर अपराधियों की कुंडली होगी सामने। दोषी पुलिस कर्मियों पर भी होगी कार्रवाई।
सीतामढ़ी, जेएनएन। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अक्टूबर में बिहार के 600 थाने ऑनलाईन हो जाएंगे। शेष थानों को भी इस साल ऑनलाइन कर दिया जाएगा। सभी थाने सीसीटीएनएस तकनीक से लैस हो जाएंगे। एक क्लिक पर अपराधियों की कुंडली सामने होगी। केरल में अगर किसी अपराधी की गिरफ्तारी होती है तो सीतामढ़ी के थाने में बैठा पुलिस अधिकारी कंप्यूटर पर एक क्लिक कर उसका डिटेल बताने में समर्थ होगा।
डीजीपी जिला मुख्यालय डुमरा में आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कहा कि अपराध पर लगाम और अपराधियों पर नकेल के लिए पुलिस महकमा लगातार प्रयास कर रहा है। कुछ समय और लगेगा। इसके बाद अपराध की राह किसी के लिए आसान नहीं होगी। जिले के प्रत्येक गांव और वार्ड के अपराधी, बलात्कारी, गुंडा, चोर, दंगाई और असामाजिक तत्वों की सूची बनेगी। फिर डीएसपी और इंस्पेक्टर इसकी जांच करेंगे।
एसपी के आश्वस्त होने के बाद ऐसे लोगों का नाम थानों की गुंडा पंजी में दर्ज होगा। इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा कि गलत तरीके से किसी का नाम गुंडा पंजी में दर्ज न हो। सही व्यक्ति का नाम गुंडा पंजी में दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने लोगों को अपराध से बचने के लिए आगाह किया।
कहा कि गुंडा पंजी में नाम दर्ज होने के बाद संबंधित व्यक्ति का चरित्र प्रमाण पत्र नहीं बनेगा। ङ्क्षजदगी भर उसे कोई नौकरी नहीं मिलेगी। यहां तक की उसे ठेकेदारी भी नहीं मिलेगी। उसका आम्र्स लाइसेंस रद होगा। यदि उसके रिश्तेदार के पास का लाइसेंसी हथियार का वह गलत तरीके से उपयोग कर सकता है तो उसका भी लाइसेंस रद किया जाएगा। गुंडा पंजी में नाम दर्ज होने वाले व्यक्ति की निजी ङ्क्षजदगी में झांकने का भी अधिकार पुलिस को होगा। आने वाले समय में गुंडा पंजी जहां अपराध पर नकेल लगाने का हथियार साबित होगा, वहीं अपराधियों के लिए जीवन बर्बाद करने वाला होगा।