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हॉस्टल के लिए वीसी-रजिस्ट्रार के खिलाफ छात्रों ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन Muzaffarpur News

छात्रों के आंदोलन को अद्र्ध सरकारी कर्मचारी संघ का भी मिला समर्थन। 04 दिनों से विवि परिसर में लगातार आंदोलित हैं विभिन्न छात्र संगठन।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 09:42 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 09:42 PM (IST)
हॉस्टल के लिए वीसी-रजिस्ट्रार के खिलाफ छात्रों ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन Muzaffarpur News
हॉस्टल के लिए वीसी-रजिस्ट्रार के खिलाफ छात्रों ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विवि का हॉस्टल खाली कराने के आदेश से आंदोलित छात्र संगठनों ने सोमवार को विरोध का नायाब तरीका अपनाया। अद्र्ध नग्न प्रदर्शन करते हुए वीसी-रजिस्ट्रार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अद्र्ध सरकारी कॉलेज शिक्षक कर्मचारी संघ के सुनील कुमार ने भी छात्रों के इस आंदोलन को अपना लिखित समर्थन दे दिया है। इधर, चार दिनों से फिर छात्र लगातार आंदोलित हैं। रजिस्ट्रार कर्नल अजय कुमार राय से छात्र संगठन कुछ ज्यादा ही खफा हैं। उनका मानना है प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह छात्रों के हितैषी हैं मगर रजिस्ट्रार उन्हें जान-बूझकर उकसा रहे हैं ताकि उनकी छवि धूमिल हो।

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  विश्वविद्यालय कैंपस में घूम-घूमकर छात्र नारेबाजी करते रहे। छात्र लोजपा, राजद, जदयू, अभाविप जैसे संगठन के नेताओं का नेतृत्व कर रहे विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू ने कहा कि हम छात्र क्यों हॉस्टल खाली करें? छात्रावास विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए ही है। हमारे दिए हुए पैसे से ही कुलपति और कुलसचिव समेत सभी पदाधिकारियों का पेमेंट होता है। अवैध रह रहे छात्रों से अगर हॉस्टल खाली करवाना है तो अलॉटमेंट के लिए आवेदन लेकर चालान कटवाया जाए और जो अवैध पाए जाते हैं, उन्हें हॉस्टल से बेदखल किया जाए। मौके पर चंद्रभानु सिंह, कुंदन कुमार, बालमुकुंद ठाकुर, अमित कुमार, सुभाष कुमार, मेघु सिंह, मोनू कुमार, मंतोष कुमार, रोशन कुमार, हीरा ठाकुर, रमन कुमार, कन्हाई कुमार, कुणाल कुमार आदि उपस्थित थे। 

अपनी गलती सुधारें अधिकारी

छात्र लोजपा के विवि अध्यक्ष गोल्डेन सिंह, जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह, छात्र राजद के जिलाध्यक्ष दीपक ठाकुर, जदयू नेता रजनीश सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की गलती के कारण मूल छात्र अब अवैध करार दिए जा रहे हैं। समय पर उन्हें हॉस्टल आवंटित हो जाता तो वे आज अपने हक की लड़ाई नहीं लड़ रहे होते। गलती अधिकारियों की है तो खामियाजा छात्र क्यों भुगतें?

 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारी जानबूझकर विश्वविद्यालय में अराजक स्थिति उत्पन्न कर रहें हैं ताकि प्रभारी कुलपति की छवि धूमिल हो। छात्रों की मांग जायज है उसको पूरा किया जाना चाहिए। फिर कहा जाता कि हॉस्टल आवंटन के लिए ऑनलाइन अप्लाई लेंगे और वह वेबसाइट ही ठीक ढंग से काम नहीं करती। ढाई लाख रुपये सॉफ्टवेयर इंस्टालेशन पर खर्च हुआ फिर भी वह किसी काम का नहीं रहा।

खुद की गलती, उपदेश दूसरों को

विवि छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू ने कहा कि रजिस्ट्रार अगर विवि के इतने ही हितैषी हैं तो फोर व्हीलर से क्यों चलते हैं, जबकि उन्हें यह मुहैया नहीं है। रजिस्ट्रार ने 54 बार हवाई जहाज से सफर की जिसका खर्च विवि ने उठाया। वे खुद गलती कर रहे हैं और उपदेश दूसरों को देते हैं। इसकी राजभवन को जांच करानी चाहिए। उनका सालभर का टर्म भी पूरा हो चुका है।

बाढ़ में कहां जाएं विद्यार्थी

छात्रों का कहना है पिछले 10 महीनों से हॉस्टल का अलॉटमेंट बंद है। इसमें छात्रों की क्या गलती है? छात्र बीच सेशन में अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ कहां जाएं? छात्रावासों में सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेतिया, मोतिहारी के छात्र रहते हैं। उनके गांवों में बाढ़ आई हुई है और इसी बीच उनसे हॉस्टल खाली कराने पर प्रशासन उतारू है। राजभवन का हवाला देकर अगर हॉस्टल खाली कराया जा रहा तो उसका पत्र भी दिखाया जाए। सच तो यह है कि राजभवन ने सिर्फ उन छात्रों के कब्जे से खाली कराने को कहा है जो अवैध रूप से रह रहे हैं। और रजिस्ट्रार उस पत्र की आड़ में सामूहिक रूप से सबको प्रताडि़त करने का प्रयास कर रहे हैं।

चार सांसदों से मांगी मदद

छात्र परिषद बिहार के नेता संकेत मिश्रा ने कहा कि रजिस्ट्रार की मनमानी के खिलाफ मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली के सांसदों से हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है। चारों सांसदों को मंगलवार को पत्र लिखकर मांग की जाएगी कि वे अपने स्तर से राजभवन को पत्र लिखें ताकि अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगे।  


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