दिल्ली की एजेंसी स्मार्ट सिटी के लोगों को बनाएगी 'स्मार्ट'
स्मार्ट सिटी की पहली परियोजना को शनिवार को हरी झंडी मिली। मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी कंपनी ने जन जागरूकता अभियान के लिए दिल्ली की एजेंसी न्यू फील्ड एडवरटाइजिंग प्रालि. को स्वीकृति पत्र सौंप दिया है।
मुजफ्फरपुर । स्मार्ट सिटी की पहली परियोजना को शनिवार को हरी झंडी मिली। मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी कंपनी ने जन जागरूकता अभियान के लिए दिल्ली की एजेंसी न्यू फील्ड एडवरटाइजिंग प्रालि. को स्वीकृति पत्र सौंप दिया है। स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने निगम कार्यालय में आयोजित टेंडर कमेटी की बैठक के बाद एजेंसी को स्वीकृति पत्र सौंपा। एजेंसी अब कार्यशाला एवं विभिन्न प्रचार माध्यमों से स्मार्ट सिटी के लोगों को जागरूक कर स्मार्ट बनाएगी। इसके लिए कंपनी एजेंसी को सालाना 89.20 लाख रुपये का भुगतान करेगी। एजेंसी को गारंटी के रूप में 4.46 लाख रुपये जमा करने को कहा गया है। बैठक में प्रबंध निदेशक के अलावा बुडको के मुख्य अभियंता अमी रंजन, अधीक्षण अभियंता वाईपी सिंह समेत टेंडर समिति के सदस्यों ने भाग लिया। बैठक के बाद प्रबंध निदेशक ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की यह पहली योजना है, जिसे जमीन पर उतारने की स्वीकृति मिली है। इससे जुड़ी अन्य परियोजनाओं पर भी तेजी से काम किया जाएगा।
सड़क निर्माण परियोजना की स्वीकृति को सीजीएम का इंतजार : विधानसभा चुनाव से पूर्व स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत तीन सड़कों के निर्माण की योजना का शिलान्यास पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने किया था। लेकिन, स्मार्ट सिटी कंपनी में चीफ जेनरल मैनेजर (सीजीएम) का पद खाली रहने के कारण योजना को स्वीकृति नहीं मिल पा रही। कंपनी ने जब तक सीजीएम की बहाली नहीं होती तब तक सरकार से बुडको के मुख्य अभियंता अमी रंजन को यह जिम्मा सौंपने का अनुरोध किया है, जिससे कि 10 करोड़ से अधिक की राशि वाली परियोजनाओं को जमीन पर उतारा जा सके। सीजीएम के नहीं रहने के कारण बैरिया से लक्ष्मी चौक, इमलीचट्टी होते हुए धर्मशाला चौक, धर्मशाला चौक से नगर थाना, तिलक मैदान रोड, सरैयागंज टावर होते हुए अखाड़ाघाट पुल तथा नगर थाने से कल्याणी चौक होते हुए हरिसभा चौक तक सड़क निर्माण की योजना अटकी है। गौरतलब है कि निविदा की प्रक्रिया व एजेंसी के चयन का काम पूरा हो चुका है। चुनाव पूर्व निगम ने स्मार्ट सिटी कंपनी के विभिन्न पदों पर बहाली की थी, लेकिन सीजीएम पद के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने के कारण यह पद खाली रह गया था।