Delhi Blast: दहल उठा था इलाका, 20 घंटे के सफर के बाद भी कानों में धमाके की गूंज रही; बिहारियों ने सुनाई आपबीती
दिल्ली में एक धमाका हुआ, जिससे आसपास का क्षेत्र दहल गया। बिहार लौट रहे लोगों ने बताया कि धमाका बहुत ज़ोरदार था और 20 घंटे बाद भी उन्हें उसकी गूंज सुनाई दे रही है। उन्होंने धमाके के बाद की अफरा-तफरी और तबाही का मंजर भी बताया, जिससे वे बहुत डरे हुए थे।

मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन में दिल्ली से लौटे यात्री। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Delhi Blast में समझिए कि मौत छूकर निकल गई। अगर पांच मिनट की देरी हुई होती तो आज पूरा परिवार काल के गाल में समा जाता। ऐसा धमाका जीवन में कभी देखा न सुना था।
नई दिल्ली से 20 घंटे का सफर कर चुका हूं, लेकिन धमाके की गूंज अब भी कानों में सुनाई दे रही है। घर जाकर दूसरे माहौल में रहूं तो संभव है कि उसे भूल पाऊं। यह कहना था जिले के पारू निवासी विकास कुमार का।
विकास नई दिल्ली से ललितग्राम जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस पकड़ने स्टेशन आ रहे थे। लाल किला के पास धमाके से मात्र चार से पांच मिनट पहले वह परिवार के साथ आटो से गुजरे थे। वैशाली एक्सप्रेस से उतरे विकास व उनके परिवार के लोगों के चेहरे पर कार में बम ब्लास्ट का खौफ दिख रहा था।
पत्नी प्रिया, बच्चे व भाई संतोष संग ट्रेन से उतरे विकास ने कहा, दिल्ली के लक्ष्मी नगर मुहल्ला में पूरे परिवार के साथ रहकर नौकरी करते हैं। गांव जाने के लिए वैशाली ट्रेन पकड़नी थी। पहले मेट्रो से जाने को सोचा। सामान व परिवार के लोग अधिक थे, इसलिए बस पकड़ कश्मीरी गेट पहुंचे।
वहां से आटो भाड़ा पर कर स्टेशन जा रहे थे। ब्लास्ट करीब शाम 6:50 बजे हुआ। उस स्थल से पांच मिनट पहले निकल गए थे। विस्फोट इतना भयानक था कि इलाका दहल उठा। पुलिस कर्मी आटो वाले को रोककर जांच करने लगे। लगा कहीं ट्रेन छूट न जाए, लेकिन समय से पहुंच गए।
अब गूंज रही धमाकों की आवाज
रास्ते में देखा लोग अपनी मंजिल की तरफ भाग रहे थे। उन्होंने कहा कि अब भी कान में धमाके की आवाज गूंज रही है। बताया जहां ब्लास्ट हुआ वहां से थोड़े ही दूर आगे बढ़े ही थे कि धमाके से इलाका हिल गया। लगा भूकंप आया है। पत्नी, बच्चे, भाई सब सहम गए। आंखों के सामने खौफ का मंजर छा गया।
नई दिल्ली स्टेशन पहुंचने पर राहत मिली। स्टेशन पर भी सभी सहमे ट्रेन के इंतजार में खड़े थे। डर भीतर समा गया था। देखा कि जंक्शन पर पुलिसकर्मियों की चहलकदमी बढ़ने लगी। सभी यात्रियों का सामान चेक करने लगे। ट्रेन में चढ़ने के बाद घर पर बताया कि अब ट्रेन खुल गई, घबराने की कोई बात नहीं।

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