लक्ष्मी पूजन को शहर तैयार, ये उपाय अपना 60 साल बाद बन रहे शुभ योग को बनाएं लाभकारी
60 सालों के बाद बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। इस संयोग में तीन ग्रह गुरु, शनि और मंगल मिलकर एक बेहद दुर्लभ योग बना रहे
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। दीपावली का उत्साह चरम पर है। शहर से लेकर गांव तक जगमग हो रहे हैं। आज विभिन्न घरों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में अलग-अलग मुहूर्त में पूजा-अर्चना की जाएगी। जानकारों के अनुसार, इस बार की दीपावली बहुत ही खास है। दरअसल इस साल 60 सालों के बाद बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। इस संयोग में तीन ग्रह गुरु, शनि और मंगल मिलकर एक बेहद दुर्लभ योग बना रहे हैं। जिसके कारण इस दिन किया गया हर कार्य बहुत ही लाभकारी साबित होगा।
कई पौराणिक मान्यताएं
कहते हैं कि जब भगवान श्रीराम 14 वर्षों का वनवास पूरा कर भाई लक्ष्मण व माता जानकी संग अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में घी के दीये जलाए थे। अयोध्या नगरी दीयों की रोशनी से जगमगा उठी थी। तब से अभी तक कार्तिक अमावस्या पर दीयों की रोशनी में अंधकार को दूर करने की प्रथा चली आ रही है। जिसे दीपावली के रूप में जाना जाता है।
कुछ बातों का रखें ध्यान
मान्यता है कि जो लोग इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं उन्हें सालभर धन की कमी नहीं होती। मगर मां की पूजा में कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है।
- माता लक्ष्मी को कुछ भी अर्पित करते समय उसमें तुलसी अथवा तुलसी का मंजर नहीं डालें। अन्यथा माता नाराज हो जाती हैं।
- लक्ष्मी पूजा करते समय यह प्रयास करें कि दीपक की ज्योत लाल रंग की हो। इसके अलावा दीये को भूलकर भी मां लक्ष्मी के बायीं ओर ना रखें, बल्कि हमेशा मां के दायीं ओर ही रखें।
- मां लक्ष्मी को भूलकर भी सफेद रंग का पुष्प ना चढ़ाएं। उन्हें केवल लाल और गुलाबी रंग के ही पुष्प अर्पित करें।
- पूजा करते समय सफेद या काले रंग की किसी भी तरह की वस्तु के इस्तेमाल से बचें।
- दीपावली पर मां लक्ष्मी व गणेश पूजन के बाद भगवान विष्णु की भी पूजा करें। देवी भागवत पुराण के अनुसार, लक्ष्मी पूजन तभी सफल होता है, जब गणेश वंदना के बाद लक्ष्मी-नारायण की आराधना की जाती है।
- लक्ष्मी पूजा के बाद प्रसाद को मंदिर के दक्षिण तरफ रखें। त्योहार का जश्न मनाने के पहले घर के सभी लोग एक साथ मिलकर मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन करें और प्रसाद जरूर ग्रहण करें।