दारोगा उमाशंकर ठाकुर की मौत के बाद शोक में डूबा गांव
गया के परैया से मृत दारोगा गौरीशकर ठाकुर का शव आने के बाद उनके पैतृक गांव कांटी के हरिदासपुर में मातमी सन्नाटा छा गया।
मुजफ्फरपुर। गया के परैया से मृत दारोगा गौरीशकर ठाकुर का शव आने के बाद उनके पैतृक गांव कांटी के हरिदासपुर में मातमी सन्नाटा छा गया। शुक्रवार को परिजनों के चीख-पुकार के बीच लोग अंतिम दर्जन के लिए पहुंचे थे। करुण व क्रंदन के बीच लोग दिन भर डूबे रहे। शोक में डूबे परिजनों को ढाढस बंधाने पूर्व मंत्री अजीत कुमार भी पहुंचे थे। अन्य पुलिस पदाधिकारी भी वहां परिजनों के आंसू पोछ रहे थे। छोटा भाई गृहरक्षावाहिनी के जवान शिवशकर ठाकुर सन्न थे। कल तक जिन लोगों को गौरीशकर के आत्महत्या की खबर की बात पर विश्वास नहीं हो रहा था। शव को देखते ही कलेजे को हाथ से पकड़ रहे थे।
उनकी तीन बेटियां व एक पुत्र है। इनमें दो बेटियों की शादी हो चुकी है। छोटी बेटी व बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है। पाच मई को उनकी भतीजी की शादी तय हो गई है। घरवालों व ग्रामीणों ने बताया कि वे शात व मिलनसार थे। बड़े भाई उमाशकर ठाकुर समेत परिवार के लोगों ने घटना में साजिश की बात कह रहे हैं। आत्महत्या की बात खारिज कर रहे हैं तथा सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं। परिजनों ने बताया कि घर में किसी तरह के विवाद या परेशानी नही थी। पिछले कई दिनों से छुट्टी लेने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे। होली के पहले वे एक दिन के लिए घर आये थे। छुट्टी नहीं मिलने से काफी दुखी रह रहे थे ।