दरभंगा: कचरा प्रबंधन योजना से बदल सकते पंचायत की तस्वीर, पहले चरण में गांव को बनाया ओडीएफ
तरल कचरा प्रबंधन को लेकर जिले में चयनित 50 पंचायतों के 681 वार्डों के जनप्रतिनिधियों एवं जिला व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों की हुई आनलाइन कार्यशाला डीएम ने कहा- ठोस एवं तरल कचरा का प्रबंधन कर अपने पंचायत को स्वच्छ रखने के साथ उससे उर्वरक एवं उपयोगी जल प्राप्त कर सकते।
दरभंगा, जासं। ठोस व तरल कचरा प्रबंधन योजना ऐसी योजना है, जिससे जनप्रतिनिधि अपने पंचायत की तस्वीर बदल सकते है। अपने पंचायत को स्वच्छ बना सकते हैं। उपरोक्त बातें जिलाधिकारी राजीव रौशन ने कही। वे समाहरणालय के एनआइसी से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान ओडीएफ प्लस फेज टू के तहत ठोस, तरल कचरा प्रबंधन को लेकर जिले में चयनित 50 पंचायतों के 681 वार्डों के जनप्रतिनिधियों एवं जिला व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों की आनलाइन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कहा- जब आपके पंचायत में कोई प्रवेश करता है और उसे कहीं गंदगी, कचरा या नाला का बहता पानी मिलता है, तो उसके मन में आपके पंचायत के प्रति गलत धारणा बैठ जाती है।
इस योजना के माध्यम से आप ठोस एवं तरल कचरा का प्रबंधन कर अपने पंचायत को स्वच्छ रखने के साथ साथ उससे उर्वरक एवं उपयोगी जल प्राप्त कर सकते हैं। पंचायत प्रतिनिधि अपने नेतृत्व क्षमता से अपने गांव को आदर्श गांव बना सकते हैं। प्रथम चरण में आपने सामूहिक प्रयास से अपने गांव को ओडीएफ बनाया। दूसरे चरण में आप अपने गांव को स्वर्ग बना सकते हैं।
कचरा प्रबंधन के लिए तारडीह की दो पंचायतों का चयन
तारडीह। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन को लेकर प्रखंड की दो पंचायतों का प्रथम चरण में चयन किया गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार शैलेंद्र ने बताया कि कैथवार एवं बैका पंचायत को इसके लिए चयनित किया गया है। पंचायत के सभी घरों में ठोस एवं तरल कचरा निस्तारण के लिए अलग-अलग डस्टबिन लगाकर स्वच्छताग्रहियों की देखरेख में इसका निस्तारण किया जाएगा। लोहिया स्वच्छ अभियान के तहत पंचायतों को स्वच्छ रखने की मुहिम में स्वच्छताग्रहियों की भूमिका अहम है। इसको लेकर सभी के साथ बीडीओ ने एक बैठक भी की। मौके पर प्रखंड समन्वयक अविनाश कुमार, स्वच्छताग्रही राजकिशोर यादव, नवीन मिश्रा, विवेक झा, रंजन यादव, संजीव गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
वहीं, उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया ने कहा कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सूखे एवं गीले कचरे के संधारण के लिए अलग-अलग हरा एवं नीला रंग का डस्टबीन दिया जाएगा। ग्राम पंचायत से कचरा के उठाव के लिए ट्राइसाइकिल एवं मोटरचालित वाहन का उपयोग किया जाएगा। पंचायत स्तर पर कचरा प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना की जाएगी, जिसमें अलग-अलग प्रकार के कचरे को अलग-अलग संग्रहित किया जाएगा। प्रखंड स्तर पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन यूनिट की स्थापना की जाएगी। मौके पर सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमण, जिला समन्वयक, जिला जल स्व'छता समिति एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे।