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Darbhanga news: जानकी नंदन ने फकीरी और पौधारोपण को बनाया ‘जीवन’, हरियाली बचाने का दे रहे संदेश

Darbhanga news हायाघाट प्रखंड की मिर्जापुर पंचायत के बिशनपुर के निवासी जानकी नंदन चौधरी उर्फ भूतनाथ बाबा ने पौधारोपण को समर्पित किया जीवन 2003 से चला रहे अभियान जानकी नंदन की इलाके में है अपनी अलग पहचान।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 04:11 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 04:12 PM (IST)
Darbhanga news: जानकी नंदन ने फकीरी और पौधारोपण को बनाया ‘जीवन’, हरियाली बचाने का दे रहे संदेश
दरभंगा के हायाघाट में पौधे के साथ जानकी नंदन। जागरण

दरभंगा, हायाघाट {कामदेव}। जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण पर विराम लगाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। इस बीच सरकारी प्रयासों से अलग आम आदमी भी हरित आवरण के विस्तार के प्रति जागरूक हुआ है। उन्हीं जागरूक लोगों में शामिल हैं हायाघाट के पर्यावरण प्रेमी जानकीनंदन चौधरी उर्फ भूतनाथ बाबा। तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद फकीर का जीवन व्यतीत कर रहे भूतनाथ बाबा पौधे लगाकर हरियाली बचाने का संदेश दे रहे हैं। उनसे प्रेरित होकर लोग पौधारोपण भी कर रहे हैं। इन्होंने फकीरी और पौधारोपण को ही अपने जीवन का आधार बना लिया है।

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17 साल में लगाए 25 हजार से अधिक पौधे

भूतनाथ स्थान के महत्व के हिसाब से फलदार, इमारती और औषधीय अन्य पौधे लगा रहे हैं। पिछले 18 वर्षों से लगातार चल रहे पौधारोपण अभियान के तहत उन्होंने अबतक 25 हजार से अधिक पौधे लगाए हैं। पौधा लगाने के लिए वो चंदा एकत्र करते हैं। चंदे की राशि से हर साल 15 सौ पौधे लगाते हैं। 2003 से अनवरत पौधा लगा रहे हैं। उनकी देख-रेख कर रहे हैं।

हायाघाट व बहेड़ी प्रखंड के विभिन्न गांवों में लहलहा रहे पौधे

भूतनाथ ने हायाघाट व बहेड़ी प्रखंड के दर्जनों गांवों में पौधे लगाए हैं। उनमें आंवला के 20 व अशोक के पांच हजार पौधे प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त आम, अमरूद, अनार, बेल, जामुन, कटहल, लीची, नारियल, नींबू के अलावा पीपल आदि के भी पौधे लगाए गए हैं। ग्रामीण बताते हैं कि नर्सरी में पौधों की उपलब्धता के हिसाब से वो पौधा खरीदते हैं। उनके इस अभियान के तहत हायाघाट के श्रीरामपुर, गिरधरपुर, बलहा, सहोड़ा, परमानंदपुर, बिशनपुर, माखनपुर, गोरापट्टी, बलिया व बहेड़ी प्रखंड के पघारी, निमैठी, हरहच्चा, मैनकोपट्टी, ददरवारा, चक्का, सनखेरहा व बहेड़ी बाजार में उनके द्वारा लगाए गए पौधे अब पेड़ बनकर लहलहा रहे हैं।

पौधे पुत्र-पुत्रियों के समान

बाबा भूतनाथ कहते हैं- मेरे लिए पौधे पुत्र-पुत्रियों की तरह हैं। जैसे मां-बाप अपने बच्चों का ख्याल रखते हैं, वैसे ही मैं इनका ख्याल रखता हूं। पौधरोपण में आंवला पेड़ को अधिक महत्व इस कारण से दिया क्योंकि हमारे देश में प्राचीन समय से ही इसे अमृत फल कहा जाता है। यह दूसरे फलों की तुलना में हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है। सबको पौधारोपण के लिए संकल्प लेना चाहिए।

छोड़ दी नौकरी, समाजसेवा के लिए पौधारोपण अभियान चलाया

जानकीनंदन चौधरी उर्फ भूतनाथ बाबा मूल रूप से हायाघाट की मिर्जापुर पंचायत के बिशनपुर के निवासी हैं। वो कोलकाता की एक निजी कंपनी में काम करते थे। अचानक मन में समाजसेवा का विचार आया और नौकरी छोड़कर 2003 में अपने गांव आए। अपने लिए कुटिया बना ली। अनार पावर स्टेशन के पास दीनाराम ब्रह्मस्थान पर वे धुनी रमाने लगे। फिर मन की बात को साकार किया और आज पयार्वरण प्रेमी के रूप में लोगों के बीच स्थापित हैं।


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