ग्राहकों की जेब पर घटतौली का बोझ, हो रहा दोहरा नुकसान
50 से 100 ग्राम तक किया जा रहा कम वजन, ग्राहकों को दोहरा नुकसान, नियमित जांच नहीं होने से दुकानदारों की कट रही चांदी तो ग्राहकों की जेब।
मुजफ्फरपुर, [पुनीत झा]। बाजार में वजन से कम तौल बड़ी समस्या है। तराजू में अमानक बाट तो इलेक्ट्रॉनिक में डाटा एरर। ग्राहकों की जेब पर घटतौली (वजन से कम तौल) भारी पड़ रही। 50 से 100 ग्राम तक की घटतौली, यानी ग्राहक को दोहरा नुकसान। आए दिन बाजार में इस तरह की गड़बडिय़ां मिल रहीं। विभाग तक शिकायत भी पहुंच रही, पर कार्रवाई सिफर।
बहुत हुआ तो पकड़े जाने पर दूसरी बाट खरीदने का निर्देश देकर छोड़ दिया जाता। दोबारा ऐसी गलती करने पर कार्रवाई की चेतावनी दे ढील दे दी जाती। अब दुकानदार भी इस 'सरकारी' कार्रवाई से कहां विचलित होनेवाले। बेफिक्र हो लगे रहते हैं ग्राहकों की जेब कतरने में।
ईंट-पत्थर के भी बाट
बाजार में ईंट-पत्थर के बटखरों का भी जमकर इस्तेमाल हो रहा। शहर के अधिकतर सब्जी विक्रेता ईंट के बने बटखरे का इस्तेमाल करते हैं। वे वजन के हिसाब से छोटे-बड़े ईंट-पत्थर का इस्तेमाल करते हैं। तौल के समय विरोध करने पर दुव्र्यवहार तक कर बैठते हैं।
मापतौल उपकरणोंं की नहीं होती नियमित जांच
मापतौल विभाग की सक्रियता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता कि पिछले कई महीने से सब्जी और फल विक्रेताओं सहित फुटकर विक्रेताओं के मापतौल उपकरणों की जांच नहीं की गई। साल में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के चक्कर में अधिकारी बिना जांच के ही व्यवसायी को प्रमाण-पत्र देकर इतिश्री कर लेते। इस कारण एक ओर जहां दुकानदारों की चांदी कट रही है, वहीं ग्राहकों की जेब।
शिकायत पर नहीं होती कार्रवाई
माप-तौल में गड़बड़ी पर सजा का प्रावधान है। लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि लोग घटतौली की शिकायत तो करते हैं, पर कार्रवाई नहीं होती। जिसके कारण लोगों ने धीरे-धीरे शिकायत करना ही छोड़ दिया।
पूर्व की शिकायतों पर भी नहीं हुई कार्रवाई
बिशुनदत्तपुर, कांटी के दीपक तिवारी कहते हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी सब्जीवालों को लेकर होती है। कभी सही वजन नहीं देते। उनकी जांच होनी चाहिए। नई बाजार के विकास कुमार बताते हैं कि घटतौली को लेकर पूर्व में की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। विभाग को इस मामले में कड़े कदम उठाने चाहिए। मछली विक्रेता सही वजन नहीं देते।
चकबासु के राजेश सिन्हा की भी यही पीड़ा है। उनकी मांग है कि विभाग औचक जांच कर कार्रवाई करे। तिरहुत प्रमंडल के मापतौल विभाग के संयुक्त नियंत्रक जेपी नारायण ने कहा कि किसी भी मंडी में फुटकर दुकानदारों के यहां जांच के लिए कम से कम तीन चार लोगों की जरूरत होती है। मैन पावर की कमी और संसाधनों के अभाव में जांच प्रभावित हो रही।
उपभोक्ताओं के लिए इन बातों का जानना जरूरी
-मिठाई के साथ डिब्बे का वजन नहीं तौला जाता। दुकानदार वजन एडजस्ट करने की बात कहता है, वह भी गलत है।
-माप-तौल विभाग का काम है कि वह इस्तेमाल किए जा रहे उपकरणों की नियमित रूप से जांच करें।
-जो दुकानदार कम वजन दे रहा, उसके खिलाफ मामला दर्ज कर विभाग कार्रवाई करे।
-उपभोक्ताओं को सही वजन एवं मात्रा दिलाना माप-तौल विभाग की जिम्मेदारी है।
-कम वजन करने एवं नापने वाले के लिए जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान।
-किसी भी चीज के अधिकतम मूल्य (छपे हुए) पर अगर दुकानदार स्टिकर लगाता है, तो गैरकानूनी है।
-लोहे के बाट के लिए दो साल में और इलेक्ट्रॉनिक मशीन के लिए हर साल लाइसेंस का नवीकरण जरूरी है।