सीतामढ़ी जिले इसबार 68 हजार हेक्टेयर में खेती, पिछले साल दो लाख मिट्रिक टन गेहूं का उत्पादन
Sitamarhi News सीतामढ़ी जिले में इन दिनों गेहूं की खेती को लेकर तेजी से चल रही तैयारी। मानसून देर तक रहने की वजह से गेहूं बुआई का कार्य प्रभावित है। कुछ जगहों पर बुआई शुरू हो चुकी है।
सीतामढ़ी, जासं। छठ पूजा बीतने के साथ रबी फसल की खेती तेजी आनी शुरू हो गई है। डीएओ अनिल कुमार यादव का कहना है कि जमीन में नमी कम होते ही आच्छादन में और भी तेजी आने की उम्मीद है। मानसून के देर तक रहने से गेहूं की बुआई में भी विलंब हुआ। कृषि विभाग ने जिले में इस बार 68 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई होने का अनुमान रखा है। पिछले साल करीब दो लाख मिट्रिक टन से अधिक गेहूं का उत्पादन हुआ था। खेती-किसानी में दिलचस्पी व जागरूकता के लिए प्रखंड स्तर पर रबी कर्मशाला व विभिन्न जगहों पर चौपाल वगैरह कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
सबसे अधिक रुन्नीसैदपुर में उत्पादन
पिछले सीजन में सबसे अधिक रुन्नीसैदपुर में 25317 मिट्रिक टन में उत्पादन हुआ था। इसके बाद परिहार में 20713, बथनाहा में 1611, सोनबरसा में 15344, पुपरी में 9973, चोरौत में 5371, नानपुर में 13040, बोखडा में 8439, बाजपट्टी में 14577, बेलसंड में 6905, परसौनी में 5371, रीगा में 12273 मेजरगंज में 6135, सुप्पी में 8439 व बेरगनिया में 6135 मिट्रिक टन उत्पादन हुआ था।
प्रखंडवार इस सीजन में तय हुआ लक्ष्य
प्रखंड लक्ष्य (हेक्टेयर में)
रुन्नीसैदपुर- 8220
परिहार - 6725
बथनाहा- 5231
सोनबरसा- 4982
पुपरी- 3238
चोरौत-1744
नानपुर-4234
बोखडा-2740
बाजपट्टी - 4733
बेलसंड- 2242
परसौनी-1744
रीगा- 3985
मेजरगंज-1992
सुप्पी-2744
बेरगनिया-1355
डुमरा-6974
अब 25 तक जमा होगा फसल क्षति मुआवजा के लिए आवेदन
सुप्पी। भारी वर्षा और बाढ़ से हुई फसल क्षति के मुआवजे के लिए आवेदन की तिथि 25 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। आवेदन की तिथि बढ़ाए जाने से किसानों ने खुशी व्यक्त की है। सिमरदह के किसान महाकान्त झा के अनुसार सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला किसानों के लिए राहत देने वाला है। क्योंकि त्योहार और पंचायत चुनाव के कारण कई किसान अपना आवेदन नहीं कर पाए थे। समय बढऩे के कारण अब ऐसे किसान को सहूलियत मिलेगी जिनका नुकसान हुआ है। इस संबंध में किसान सलाहकार संजीव रंजन ने बताया कि सुप्पी प्रखंड में अभी तक लगभग दो किसानों ने ही आवेदन दिया था। समय बढ़ जाने से अब सभी किसानों को आवेदन का मौका मिल जाएगा।