बोचहां सीएचसी में सीएस को मिलीं कई अनियमितताएं, सुधार को दिया एक सप्ताह का समय
बोचहां प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बद से बदतर हो जा रही। इसका पर्दाफाश सिविल सर्जन डा.उमेश चंद्र शर्मा की जाच के दौरान हुआ है। वह मुखिया पति की शिकायत पर जांच करने आए थे।
मुजफ्फरपुर। बोचहां प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बद से बदतर हो जा रही। इसका पर्दाफाश सिविल सर्जन डा.उमेश चंद्र शर्मा की जाच के दौरान हुआ है। वह मुखिया पति की शिकायत पर जांच करने आए थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल के औचक निरीक्षण में कई अनियमितताएं मिली हैं। एक सप्ताह के अंदर व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। सीएचसी के सामने निजी अस्पताल में यहां के डाक्टरों का नाम बोर्ड पर लिखा होना गंभीर मामला है। इसकी जाच करा दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
बताते हैं कि सोमवार को दोपहर 12 बजे मायके चौपाल मदन गाव से आईं प्रसव पीड़िता रेखा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। वहां गाडरें ने जबरन उसे सीएचसी के ठीक सामने स्थित एक निजी अस्पताल में भेज दिया। वहां पांच हजार रुपये एडवांस ले लिए। उपचार के बाद 40 हजार का बिल स्वजन को थमा दिया गया। स्वजन से 35 हजार रुपये की मांग की जाने लगी। राशि नहीं देने पर धमकी दी गई। गरीब महादलित परिवार ने इसकी सूचना मुखिया पति घनश्याम पटेल को दी। उन्होंने वहां पहुंचकर थाना व प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ सिविल सर्जन को इसकी जानकारी दी। इस पर सिविल सर्जन ने तत्काल वहां पहुंचकर पूरे मामले की जाच की। इस दौरान पता चला कि चौपार मदन गाव नैहर पति सुशील माझी के साथ रेखा देवी प्रसव को आई थीं। प्रसव पीड़ा पर सीएचसी से एक निजी अस्पताल भेज दिया गया। वहां कर्मियों ने कहा कि यहां कोई सुविधा व चिकित्सक नहीं है। गंभीर स्थिति होने पर स्वजन ने पीड़िता को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां 40 हजार रुपये की मांग की गई। सीएस के पहुंचने के बाद आनन-फानन में रेखा देवी को निजी अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। सीएस के निरीक्षण के दौरान मात्र एक चिकित्सक कुमार वागीश ही मौजूद मिले, जबकि सीएचसी में 18 डाक्टर तैनात हैं। वहीं फार्मासिस्ट देवेंद्र प्रसाद यादव, मिथिलेश कुमार झा, गौरव कुमार, एएनएम रेनू कुमारी, श्वेता कुमारी के साथ लगभग सभी कर्मी गायब थे। वहां सभी कर्मी मिलाकर 80 से अधिक की तैनाती है।
निजी अस्पताल के बोर्ड में लिखा है सीएचसी प्रभारी का नाम
बताते चलें कि निजी अस्पताल में जो डाक्टरों की सूची है उसमें सबसे ऊपर बोचहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा.मणि भूषण चौधरी का नाम लिखा है। इसके साथ ही अन्य चिकित्सकों का नाम भी अंकित है। इससे स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को वहां उपचार के लिए भेज देते हैं।
नहीं मिल रही मरीजों को सुविधा
मुखिया पति ने बताया के यहा से जबरन मरीजों को निजी अस्पताल भेज दिया जाता है। यहां मरीजों को सुविधा नहीं मिलने से सीएचसी के आसपास एक दर्जन से अधिक निजी अस्पताल खुल चुके हैं। साथ ही दर्जनभर से अधिक जाच केंद्र भी हैं।