मुजफ्फरपुर में अपराध अनियंत्रित, बेखौफ लुटेरों ने छह दिनों में लूटा दूसरा बैंक
अपराध पर नियंत्रण के लिए नहीं तैयार की जा रही ठोस रणनीति। छह दिन पूर्व की घटना में एसटीएफ ने पटना में पनाह ले रखे लुटेरे को दबोचा था। सकरा बैंक लूट में अभी तक लुटेरों को रिमांड पर लेने की चल रही कवायद।
मुजफ्फरपुर, [संजीव कुमार]। जिले में बेखौफ अपराधियों का तांडव जारी है। अपराध पर नियंत्रण नहीं हो रहा है। एक के बाद एक आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन अपराध पर नियंत्रण कैसे हो, इसके लिए ठोस रणनीति नहीं तैयार की जा रही है। नतीजा छह दिनों के भीतर पुलिस की तमाम सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए जिले में बैंक लूट की दूसरी वारदात को अंजाम दे दिया गया।
पहली घटना बीते शुक्रवार को सकरा थाना क्षेत्र के दोनवा में हुई थी, जिसमें बंधन बैंक को निशाना बनाते हुए लुटेरों द्वारा करीब 17.29 लाख रुपये लूट लिए गए थे। वहां विरोध देख लुटेरों ने फायरिंग भी की थी, जिसमें स्थानीय निवासी राजेश घायल हो गए थे। एसटीएफ ने प्राप्त इनपुट पर त्वरित कार्रवाई की। पटना में बैठे एडीजी ने खुद पूरे मामले की मॉनीटरिंग की थी। जिसका परिणाम रहा कि एसटीएफ की ताबड़तोड़ छापेमारी में राजधानी के कंकड़बाग इलाके में शरण ले रखे चार लुटेरे को लूट की रकम के साथ दबोच लिया गया था। लुटेरों की गिरफ्तारी के बाद जिला पुलिस की टीम पूछताछ को पहुंची। जिसमें कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी हाथ लगी। लेकिन इस पर जिला पुलिस द्वारा सही से काम नहीं किया गया। अब तक लाइनर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। गिरोह से जुड़े स्थानीय अपराधी भी खुलेआम घूम रहे हैं। ये सभी पुलिस की गिरफ्त से अब तक दूर हैं। इसका परिणाम रहा कि बुधवार को पुलिस को चुनौती देते हुए लुटेरों द्वारा अहियापुर थाना क्षेत्र के गरहा में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा को निशाना बनाया गया। लुटेरों द्वारा बैंक कॢमयों को कब्जे में लेकर करीब पांच लाख रुपये लूट लिए गए।
साल के शुरुआती माह में ही दो बैंक लूट, अपराधियों पर नकेल कसने की जरूरत
साल के शुरुआती महीने में ही जिले में दो बैंकों को लूट लिया गया। कहा जा रहा है कि ऐसे में अगर अपराध पर नियंत्रण नहीं हुआ तो लुटेरों का उत्पात जारी रहेगा। ऐसे में स्थिति और बिगड़ सकती है। इसलिए शातिर अपराधियों पर नकेल कसने की जरूरत है। रिकार्ड पर गौर करें तो गत साल भी जिले में बैंक डकैती की पांच घटनाएं हुईं थीं। फरवरी व मार्च में दो-दो व अप्रैल में एक बैंक डकैती की घटनाएं हुईं थीं। इसके पूर्व 2019 में भी पांच बैंक डकैती की घटनाएं हुर्इं थीं।