पानी कारोबारियों व वाहन सर्विंसिंग सेंटरों पर शिकंजा कसेगा निगम
लाइसेंस शुल्क भुगतान के साथ सोख्ता की भी करनी होगी व्यवस्था, जल स्तर में गिरावट को देखते हुए महापौर ने दिया कार्रवाई का निर्देश।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहरी क्षेत्र के भू-जल स्तर में गिरावट के कारण जल संकट के हालात को देखते हुए नगर निगम पानी कारोबारियों एवं वाहन सर्विसिंग सेंटरों पर शिकंजा कसेगा। कारोबार करने के लिए उनको न सिर्फ निगम से लाइसेंस लेना होगा, बल्कि सालाना बारह हजार रुपये शुल्क के रूप में भी देना होगा। इतना ही नहीं, उनको सोख्ता का निर्माण भी कराना होगा।
जिससे पानी फिर से जमीन में जा सके। निगम बोर्ड की 28 अप्रैल एवं दो जुलाई 2018 को हुई बैठक में लाइसेंस शुल्क लेने एवं सोख्ता निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया था। लेकिन, अब तक इसका अनुपालन नहीं हुआ। बीते वर्ष निगम ने शहरी क्षेत्र में पानी के कारोबार पर रोक लगा दी थी तब हंगामा हुआ था। बाद में इस शर्त पर रोक हटी थी कि निगम द्वारा तय शर्त का कारोबारी पालन करेंगे।
लेकिन निगम उसके बाद कोई नियम-कानून नहीं बना सका। महापौर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई करने तथा पानी कारोबारियों एवं सर्विंसिंग सेंटरों की सूची तलब की है। महापौर ने कहा है कि शहरी क्षेत्र में जिस तरह से भूजल का स्तर गिर रहा है, इससे शहरवासियों को जल संकट झेलना पड़ेगा। पानी कारोबारी एवं वाहन सर्विंसिंग सेंटर वाले बड़ी मात्रा में भूजल का दोहन करते हैं और उसकी बर्बादी भी। इसलिए समय कदम उठाने की जरूरत है।
जर्जर हो चुके अधिकांश कूड़ेदान
शहर में कूड़ा डंपिंग स्थलों पर रखे गए अधिकांश कूड़ेदान जर्जर हो चुके हैं। महापौर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर जर्जर कूड़ेदान को हटाने एवं उसके स्थान पर नया कूड़ेदान रखने को कहा है।