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Coronavirus Effect: कोरोना ने बदला काम का ढंग, बदलाव संग हो रहा उत्पादन

Coronavirus Effect बोले मुजफ्फरपुर के उद्यमी - पहले रहते थे बेपरवाह अब जांच व सैनिटाइजर संग प्रवेश की इजाजत। उद्यमी संग जागरूक हुआ विभाग बनी टीम।

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 12:54 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 12:54 PM (IST)
Coronavirus Effect: कोरोना ने बदला काम का ढंग, बदलाव संग हो रहा उत्पादन
Coronavirus Effect: कोरोना ने बदला काम का ढंग, बदलाव संग हो रहा उत्पादन

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बेला औद्योगिक इलाके में चलने वाले उद्योग जगत में कोरोना से व्यापक बदलाव आया है। पहले बिना रोक-टोक मजदूर आते-जाते रहते थे। अब एक बार काम पर आए तो शिफ्ट खत्म होने के बाद ही बाहर जाने की इजाजत। मास्क के साथ सैनिटाइजर जरूरी। बियाडा के विकास पदाधिकारी सौम्य वर्मा कहते हैं कि मास्क व शारीरिक दूरी पालन के लिए सहायक विकास पदाधिकारी अजय कृष्ण सिन्हा व क्षेत्रीय प्रबंधक नीतू कुमारी प्रतिदिन अभियान चला रहे हैं। उद्यमी भी काफी जागरूक हुए हैं। 

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मजदूर को नहीं अपने भी बचाना जरूरी 

उतर बिहार उद्यमी संघ के संरक्षक चितरंजन प्रसाद कहते हैं कि मजदूर के साथ खुद भी बचना है। पहले वाली बात नहीं है। मजदूर के प्रवेश होने के साथ स्क्रीङ्क्षनग व सैनिटाइजर दी जाती है। मास्क लगाकर आना व जाना अनिवार्य है। वह खुद अपनी यूनिट में निगरानी रखते हैं। उनके कार्यालय में बिना मास्क के आने वाले को मास्क देकर भी जागरूक कर रहे।  

बार-बार निकलने पर रोक 

उद्यमी रेखा बियानी कहती हैं कि उनकी यूनिट में 10-15 मजदूर काम कर रहे हैं। मास्क के साथ उनको सैनिटाइजर से हाथ को बार-बार साफ कराया जा रहा है। एक बार जो मजदूूर आता है। उसको शिफ्ट खत्म होने के बाद बाहर जाना है। कुछ मजदूर जो यहीं रहकर काम कर रहे उनके आवास की सुविधा है। वह खुद नियमित निगरानी कर रही हैं। 

आते-जाते कराया जाता सैनिटाइज 

स्वामी इंटरप्राइजेज के संचालक उद्यमी विक्रम कुमार कहते हैं कि कोरोना को लेकर सबके चेहरे पर भय है। उनके यहां नमकीन बनता है। पहले एक जगह पर पैकिंग की सुविधा दी। शारीरिक दूरी के कारण सब अलग अलग हो रहा है। आते-जाते मजदूर को सैनिटाइजेशन, मास्क, ग्लब्स व सिर में सर्जिकल टोपी दी जा रही है। दो बार उनका स्क्रीनिंग की जाती है। 

पहले से ज्यादा सजग

 हरियाली आर्गेनिक के संचालक शशांक श्रीवास्तव कहते हैं कि पहले से ज्यादा लोग जागरूक है। उनके यहां पहले से स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता रही है। अब बिना मासक मजदूर ही नहीं किसी को भी यूनिट के अंदर नहीं आना है। सबकी नियमित जांच होती है। जान है तो जहान है। 


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