कॉपियां रह गई कॉलेज में, यूनिवर्सिटी ने जारी किया रिजल्ट
मुजफ्फरपुर । बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी में परीक्षा व परीक्षाफल को लेकर अजब-गजब किस्से सामने आते रहते ह
मुजफ्फरपुर । बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी में परीक्षा व परीक्षाफल को लेकर अजब-गजब किस्से सामने आते रहते हैं। अब सामने आया है कि विश्वविद्यालय ने एक ऐसी परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया, जिसकी कॉपियां कॉलेज में ही पड़ी रह गई। जब रिजल्ट आया तो पता चला कि उस विषय में सभी विद्यार्थी अनुपस्थित हैं। इस तरह उनका रिजल्ट पेंडिंग हो गया। फिश एंड फिशरीज में बीएससी वोकेशनल ऑनर्स प्रैक्टिकल विषय के थर्ड पार्ट के एकसाथ सभी विद्यार्थियों का रिजल्ट पेंडिंग होने के बाद हड़कंप मच गया। इस विषय में करीब सौ विद्यार्थी हैं, जिन्होंने आरडीएस कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी। बीएससी वोकेशनल ऑनर्स बीसीए, बीबीए, पीएनबी, माइक्रोबायोलॉजी के पार्ट वन, टू, थ्री सभी विषयों की परीक्षाएं एकसाथ हुई थीं। इनमें फिश एंड फिशरीज के थर्ड पार्ट प्रैक्टिकल परीक्षा की कॉपियों का बंडल कॉलेज में ही छूट जाने से उनके नंबर चढ़ नहीं पाए और सभी विद्यार्थी उस विषय में अनुपस्थित हो गए। ऐसे सामने आया मामला
विश्वविद्यालय अध्यक्ष बसंत कुमार उर्फ सिद्धू के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सामने आया। दरअसल, उनसे कुछ विद्यार्थियों ने शिकायत की थी। सभी इसको लेकर चिंतित थे कि प्रैक्टिकल की परीक्षा देने के बाद उस विषय में अनुपस्थित कैसे हो गए। विवि अध्यक्ष ने बताया कि आरडीएस कॉलेज की छात्रा अदिति कुमारी का रिजल्ट भी पेंडिग हुआ है। उसे कुल 518 अंक आए हैं, लेकिन प्रैक्टिकल के अंक नहीं जुड़े हैं। ऐसी शिकायतों के बाद उन्होंने विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओपी रमण व आरडीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय को फोन से सूचना दी। जानकारी मिलते ही दोनों अधिकारियों ने खोजबीन कराई। पता चला कि उस एक विषय की कॉपियों का बंडल कॉलेज में ही छूट गया। कॉपियां जांची जा चुकी थी, लेकिन वह बंडल और मार्क्सफाइल विवि को भेजी नहीं जा सकी थी। कॉलेज की दलील, स्टॉफ की गलती
आरडीएस कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि शिकायत मिलते ही जांच कराई गई। कॉपियों का बंडल तुरंत मिल भी गया। उसको विवि भेज दिया गया। प्रैक्टिकल की मार्क्सफाइल भी भेज दी गई है। उन विद्यार्थियों का रिजल्ट सुधार कर पुन: जारी किया जाएगा। फिश एंड फिशरीज डिपार्टमेंट के स्टॉफ की भूल से ऐसा हुआ है। इसके लिए मैंने और प्राचार्य दोनों ने ही डांट लगाई। उन्होंने स्वीकार किया कि फिशरीज विभाग के स्टॉफ की गलती है। विवि के स्टोर डिपार्टमेंट में प्रैक्टिकल की कॉपियां रिसीव करवा देनी चाहिए थी। लेकिन, वे लोग कॉपी का बंडल भेजना ही भूल गए। विवि भी कटघरे में
विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग भी इस मामले में कटघरे में है। उसे जब एक कॉलेज की पूरी कॉपियां प्राप्त ही नहीं हुई तो उसने खोजखबर क्यों नहीं ली? समय पर ही यह गलती पकड़ में आ जाती तो तमाम विद्यार्थियों को मानसिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और विवि भी फजीहत से बच जाता। उसे दोबारा त्रुटि सुधार में माथापच्ची नहीं करनी पड़ती।