Muzaffarpur News: यूरिया की बिक्री में लगातार मिल रही गड़बड़ी, अब तक जांच में पकड़े गए 37 उर्वरक विक्रेता
तत्काल जिले में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं यूरिया। सभी के लाइसेंस कर दिए गए हैं निलंबित 16 उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की है तैयारी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में यूरिया की बिक्री में गड़बड़ी के मामले में दुकानदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व में कृषि विभाग की टीम लगातार छापेमारी कर दुकानों की जांच कर रही है। अब तक की जांच में 37 उर्वरक दुकानों में गड़बड़ी सामने आई है। साथ ही 17 दुकानदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की भी तैयारी जारी है। फिलहाल, जांच चल रही है। अभी दुकानदारों की संख्या में इजाफा होने के आसार है।
यूरिया उपलब्ध, खरीदार नहीं
जिले में फिलहाल पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है। हालांकि खेतों में पानी रहने से खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं। जिले में उर्वरक की 27 थोक व 749 खुदरा दुकानें हैं। 50 हजार टन यूरिया की खपत है। वहीं डीएपी 14 हजार, एनपीके 8500, एमओपी 6200 व एसएसपी 1500 समेत 80 हजार 200 टन उर्वरक की खपत है। इफको, एनएफएल, इंडर्मा, सीआइएल, आइपीएल, एनएफएल पीपीएल व जीएसएफसी आदि कंपनियां उर्वरक की रैक उपलब्ध करा रही हैं। पिछले साल जिले में यूरिया की किल्लत थी। दुकानदारों ने मनमानी कीमत वसूली थी। वहीं आवंटन से 40 फीसद कम यूरिया की आपूर्ति की गई थी। इस बार अब तक आवंटन के अनुरूप यूरिया उपलब्ध है।
चार टीमों की जांच में सामने आया मामला
चार टीमों ने अब तक जांच कर यूरिया की बिक्री में गड़बड़ी पकड़ी है। एक टीम डीएओ चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व में जांच कर रही है। वहीं, डीएम द्वारा गठित तीन टीमों की जांच में भी गड़बड़ी सामने आई। पाया गया कि एक ही आधार कार्ड पर व काल्पनिक नाम पर एक ही व्यक्ति को हजारों टन उर्वरक बेच दी गई। 20 किसानों के नाम पर चार माह में 279.585 टन यूरिया की बिक्री का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। मामले में राज्य कृषि निदेशालय और केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने भी एक्शन लिया। 15 से 21 अगस्त तक मुजफ्फरपुर समेत पूरे बिहार में राज्यव्यापी उर्वरक अनुश्रवण अभियान चलाया गया।
बेवसाइट पर कर दिया अपलोड
जिले के खुदरा उर्वरक विक्रेताओं ने एक ओर किल्लत दिखाकर अधिक कीमत वसूली तो दूसरी तरफ एक ही व्यक्ति के नाम पर सैकड़ों टन उर्वरक की बिक्री दिखा दी गई। इससे संबंधित रिपोर्ट विभाग के वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई। कृषि विभाग ने जब जांच की गई तो हड़कंप मच गया। पाया गया कि जिले के खुदरा उर्वरक विक्रेताओं ने 20 लोगों के नाम पर चार माह में 279.585 टन यूरिया की बिक्री की है। इसमें सरैया प्रखंड के बसरा काजी गांव निवासी अभिषेक के नाम चार माह में 50.4 टन यूरिया की खरीद दिखाई गई है। हरपुर सुजीत कुमार गोस्वामी के नाम 37.8 टन, औराई प्रखंड के विशुनपुर जगदीश के रामजी राम के नाम 17.28 टन, साहेबगंज के नीरपुर सरैया निवासी आदित्य राज के नाम 20.43 टन, जैतपुर के जयनारायण साह के नाम से 18.81 टन, सकरा के शशिरंजन कुमार के नाम पर 17.64 टन व रविरंजन कुमार के नाम 14.535 टन यूरिया बेचने का उल्लेख है।
इस बारे में डीएओ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि उर्वरक की कालाबाजारी और गलत तरीके से बेचने के मामलों को लेकर विभाग गंभीर है। जांच जारी है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।