मीटर में लोड दिखता नहीं और लग जाता जुर्माना, उपभोक्ताओं में मचा हाहाकार Muzaffarpur News
बिजली विभाग उपभोक्ताओं को बढ़ा हुआ लोड बताकर जुर्माने के साथ अधिभार ले रहा है। इसके कारण कई लोग बिजली बिल देने में हिचक रहे जबकि विभाग लाइन काटने को तत्पर है।
मुजफ्फरपुर, गोपाल तिवारी। जिले में 80 फीसद उपभोक्ताओं के घर पुराना मीटर लगा हुआ है। इनमें अधिकांश मीटरों में लोड (केडब्ल्यू) दिखता नहीं है और विभाग उपभोक्ताओं को बढ़ा हुआ लोड बताकर जुर्माने के साथ अधिभार ले रहा है। इसके कारण कई लोग बिजली बिल देने में हिचक रहे, जबकि विभाग लाइन काटने को तत्पर है। बेला औद्योगिक क्षेत्र में कई उद्यमियों की बिजली काट दी गई है। इसको लेकर उद्यमी सहित आम जनता के बीच गर्मी के इस मौसम में हाहाकार मचा हुआ है।
बिहार स्टेट सेंट्रल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री मृत्युंजय मिश्र ने कहा कि, उनके तथा अन्य बैंकों के बिल भी काफी बढ़ कर आ रहे हैं। उन्होंने बिजली बिल की खामियों को उजागर करने तथा जनता की आवाज बनने के लिए दैनिक जागरण के प्रति आभार भी प्रकट किया है। उनका कहना है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय आम आदमी की आमदनी शून्य हो गई है।
संस्थाएं इस विपदा की घड़ी में लोगों को राहत पहुंचा रही हैं। आरबीआई रेपो और रिवर्स रेपो रेट कम कर आíथक विकास दर को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहा है। औद्योगिक विकास को पटरी पर लाने के लिए बैंक डिफॉल्टर व्यवसायियों को भी लोन दे रहे हैं।
मुजफ्फरपुर विद्युत प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता रीतेश कुमार ने कहा कि शहर या ग्रामीण क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं का संज्ञान में आ रहा उनके मीटर बदले जा रहे हैं। छूटे हुए उपभोक्ता अपने क्षेत्र के जेई, एडीओ, कार्यपालक अभियंता को संज्ञान में दें, नया मीटर लग जाएगा।
विद्युतकर्मियों ने काली पट्टी लगाकर किया कार्य
निजीकरण के खिलाफ विद्युतकर्मियों ने एकजुटता दिखाई। अखिल भारतीय विद्युत कर्मचारी, पदाधिकारी अभियंता संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर सभी बिजली दफ्तरों में काली पट्टी लगाकर विद्युतकर्मियों ने कार्य किया। बिहार स्टेट इलेक्टिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष भरत झा ने बताया कि, विद्युत विधेयक 2003 में संशोधन कर केंद्र सरकार विद्युत विधेयक 2020 ला रही है।
शहर के कई इलाकों में बिजली गुल, पानी के लिए लोग तरसे
शहर के मिस्कॉट स्थित जगदीशपुरी मोहल्ले में सुबह सात बजे गुल हुई बिजली शाम साढ़े चार बजे लौटी। इस बीच मोटर नहीं चलने से नौ घंटे तक पानी से लोग जूझते रहे। पूरे इलाके में बिजली-पानी के लिए हाहाकार मचा रहा। इतनी देर की अवधि में इंवर्टर भी काम करना बंद कर दिया। शाम को जब बिजली आई तो लोगों का धैर्य टूट गया। पानी की जुगत में लोग लग गए।