शिवहर में मुंह चिढ़ा रही पानी की टंकियां, दशकों पूर्व बनी टंकियां साबित हो रही उजले हाथी
Sheohar News जिले में आम जनता तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए पानी की तरह पैसे खर्च किए गए। बड़ी-बड़ी टंकियां बनाई गई। ऑपरेटर की तैनाती की गई। लेकिन लोगों तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच सका। तीन दशक से पानी टंकियां लोगों का मुंह चिढ़ा रही है।
शिवहर, जागरण संवाददाता। जिले में आम जनता तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए पानी की तरह पैसे खर्च किए गए। बड़ी-बड़ी टंकियां बनाई गई। ऑपरेटर की तैनाती की गई। लेकिन, लोगों तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच सका। तीन दशक से पानी टंकियां लोगों का मुंह चिढ़ा रही है। सरकार की पुरानी योजना दम तोड़ गई तो नई योजना लूट की योजना बन गई। हर घर नल जल योजना के तहत भी लोगों को शुद्ध पेयजल मयस्सर नही हो पा रहा है। कहीं कागज पर ही योजना पूर्ण कर ली गई है तो कही लगाई गई टंकी और पाईप ध्वस्त होकर रह गई है। जबकि, वार्ड स्तर पर इस योजना के तहत आवंटित राशि की निकासी भी कड़ ली गई है।
घटिया पानी टंकी और कम गुणवत्ता वाले पाईप के उपयोग के चलते यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। जिला मुख्यालय के पूर्वी एवं पश्चिमी छोड़ पर स्थापित दो जलमीनार शोभा की वस्तु बनकर लोगों का मुंह चिढ़ा रहे है। तकरीबन 35 साल पूर्व दोनों जलमीनार की स्थापना की गई थी। शहर के 15 वार्डों में से दस में वुडको द्वारा पाइप लाइन बिछाने का काम भी किया गया। लेकिन लोगों को नल का जल नहीं मिला। मुख्यालय स्थित न्यायालय के समीप निर्मित जलमीनार क्षतिग्रस्त हो चुका है।
कांग्रेस नेता मुकेश सिंह बताते हैं कि सरकार की पेयजलापूर्ति की पुरानी योजना हो या फिर नई योजना। सभी में भ्रष्टाचार है। ये योजनाएं विकास की नहीं बल्कि लूट की योजना बन गई है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र बताते हैं कि सरकार योजनाएं बनाती है जनहित में। लेकिन अधिकारी और जिम्मेदार लोगों द्वारा योजना का सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं किया जाता है। लिहाजा, लोगों तक योजना का लाभ और सरकारी सुविधाएं नहीं पहुंच पाती है।