मुआवजे के फेर में फंसा मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास का निर्माण, गड्ढे में तब्दील हुई सड़क Muzaffarpur News
14 किमी सड़क का निर्माण जमीन अधिग्रहण के कारण रुका। नए एक्ट के मुताबिक मुआवजा की मांग पर अड़े जमीन के मालिक। कई वार्ता के बाद भी नहीं निकला समाधान। पढ़ें पूरी रिपोर्ट..
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास का निर्माण कार्य पेच में फंस कर रह गया है। जमीन अधिग्रहण नहीं होने से फिलहाल इसका निर्माण कार्य रुका हुआ है। जमीन वाले नए एक्ट के अनुसार मुआवजे की मांग कर रहे हैं। लोग इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 14 किमी की सड़क लंबे से निर्माण कार्य पूरा होने के इंतजार में हैं, ताकि गड्ढे में तब्दील इस मार्ग में हिचकोले खाने से उन्हें निजात मिल सके।
कई वार्ता के बाद भी नहीं निकला समाधान
समस्या के समाधान को लेकर कई बार वार्ता हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। मामला मुआवजा पर आकर फंस जाता। जमीन वाले नए एक्ट के मुताबिक मुआवजा चाहते हैं। इसके कारण पांच साल में पूरा होने वाला प्रोजेक्ट अबतक लटका हुआ है। काम समय पर पूरा नहीं होने के कारण लागत पर काफी अधिक खर्च बढ़ जाने का अनुमान है। इसे देखते हुए एनएचएआइ ने मुजफ्फरपुर बाइपास का निर्माण करने से हाथ पीछे खींच लिया।
2013 में ही पूरा होना था काम
एनएच-77 हाजीपुर-मुजफ्फरपुर खंड में कुल लंबाई 66 किलोमीटर है। इसमें मधौल-सदातपुर बाइपास सड़क करीब 14 किलोमीटर लंबी है। 2009 में इस कार्य की शुरुआत हुई और इसे 2013 तक पूरा हो जाना था। इस समय इसकी लागत करीब 671 करोड़ आंकी गई थी।
इस बारे में मुजफ्फरपुर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी मो. उमैर ने कहा कि पटना रोड में मधौल के आगे के लंबित निर्माण काम को लेकर एक्ट के अनुसार प्रस्ताव बनाकर एनएचएआइ को प्रतिवेदन भेजा जा चुका है। कई बार स्मार पत्र भी भेजा गया। लेकिन एनएचएआइ के पास मामला लंबित है। इसके वजह से आगे का काम नहीं हो रहा है।