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सख्त हुआ Congress का रुख, समझौता नहीं होने पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ शकील अहमद ने कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन पर केंद्रीय टीम के फैसले का इंतजार करना चाहिए। हमने तीन राज्यों में अकेले अर्जित की थी सफलता।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 10:50 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 10:15 AM (IST)
सख्त हुआ Congress का रुख, समझौता नहीं होने पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान
सख्त हुआ Congress का रुख, समझौता नहीं होने पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान

मधुबनी, जेएनएन। लोकसभा चुनाव- 2019 से पहले लगातार बन-बिगड़ रही स्थिति के मद्देनजर कांग्रेस ने अपना रुख सख्त कर लिया है। पार्टी की केंद्रीय टीम के सदस्य इसके संकेत लगातार दे रहे हैं। यूपी में 25 साल बाद सपा-बसपा के एक साथ आने और कांग्रेस को किनारा किए जाने पर यूं तो आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि यदि सम्मानजनक समझौते नहीं हुए तो कांग्रेस अकेल दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी।

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 वैसे भी हाल में पांच राज्यों में संपन्न विधानसभा चुनाव में उसका बेहतर अनुभव रहा है। यहां कांग्रेस ने किसी भी दल के साथ गठबंधन करने की तुलना में अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया और उसे सफलता मिली। तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है।

इस बाबत पूर्व केंद्रीय मंत्री सह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ शकील अहमद ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में जिस राज्य में किसी भी पार्टी से समझौता नही होगा, वहां काग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। दूरभाष पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों के तालमेल पर कांग्रेस की केंद्रीय टीम मंथन कर रही है।

 इस पर पार्टी के उत्तर प्रदेश के वरीय नेताओं को निर्णय लेना है। वैसे भी चुनाव में अभी करीब पांच माह हैं। लोगों को पार्टी की केन्द्रीय टीम के फैसले का इंतजार करना चाहिए। अभी कोई निर्णय लेना जल्दबाजी होगी।

उत्तर प्रदेश में बसपा व सपा के बीच सीटों के तालमेल का बिहार में महागठबंधन पर किसी तरह का प्रभाव पड़ने के दावे को उन्होंने खारिज कर दिया। कहा, हाल में मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़कर बेहतर कामयाबी हासिल की है।

 इन राज्यों में हमलोग सरकार बनाने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 24 पार्टियां शामिल थीं। नरेंद्र मोदी सरकार में 18 पार्टियां शामिल हैं। जहां तक महागठबंधन की बात है तो इसके फाइनल स्वरुप को सामने आने तक इंतजार करना होगा।


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