India-Nepal Tension: नेपाल के PM ओली पर बिहार में मुकदमा, अयोध्या व भगवान राम पर दिया था आपत्तिजनक बयान
India-Nepal Tension नेपाल के पीएम ओली के खिलाफ बिहार में सीतामढ़ी में मुकदमा दायर किया गया है। उन्होंने भगवान श्रीराम को नेपाली तथा भारत की अयाेध्या को नकली बताया था।
सीतामढ़ी, जेएनएन। India-Nepal Tension: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Nepal PM KP Sharma Oli) द्वारा अयोध्या और प्रभु श्रीराम को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सीतामढ़ी में मुकदमा दायर किया गया है। अधिवक्ता चंदन कुमार सिंह ने इसके लिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में ऑनलाइन आवेदन दिया। अधिवक्ता का कहना है कि नेपाल के प्रधानमंत्री द्वारा भगवान राम का जन्मस्थल भारत के अयोध्या में नहीं, बल्कि नेपाल में होने के बयान से हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है।
जिले के मेजरगंज थाना अंतर्गत डुमरी कला के निवासी अधिवक्ता का कहना है कि नेपाली पीएम के इस बयान से हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है। मैं खुद भी हिंदु सनातन धर्म का अनुयायी हूं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को अपना आराध्य मानता हूं। उनकी पूजा-अर्चना करता हूं। विगत रात टेलीविजन पर समाचार सुन रहा था। इस दौरान पीएम ओली के बयान को सुनकर स्तब्ध रह गया। इससे आहत होकर उनके विरुद्ध परिवाद दायर करने का फैसला किया । रात में ही ऑनलाइन परिवाद दायर करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई।
असली अयोध्या नेपाल में, भगवान राम नेपाली
गौरतलब है कि नेपाल के प्रधानमंत्री ने काठमांडू में अपने आवास में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि अयोध्या असल में नेपाल के बीरभूमि जिले के पश्चिम में स्थित ठोरी शहर में है। भारत दावा करता है कि भगवान राम का जन्म उसकी अयोध्या में हुआ था। उसके इसी लगातार दावे के कारण हम मानने लगे कि देवी सीता का विवाह भारत के राजकुमार राम से हुआ था। जबकि, असलियत में अयोध्या बीरभूमि के पास स्थित एक गांव है। ओली यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि भारत ने एक नकली अयोध्या का निर्माण किया है। उन्होंने दावा किया कि वाल्मीकि आश्रम भी नेपाल में है और वह पवित्र स्थान जहां राजा दशरथ ने पुत्र के जन्म के लिए यज्ञ किया था, रिदि है। उन्होंने कहा कि दशरथ पुत्र राम भारतीय नहीं, बल्कि नेपाली थे।
नेपाल में ही हो रहा ओली का विरोध
ओली के बायान पर नेपाल में भी विरोध के सुर फूटे हैं। वाल्मीकि आश्रम (नेपाल) के पुजारी शेखर सुवेदी का कहना है कि वे परंपरागत रूप से यहां के पुजारी हैं। इस इलाके में भगवान श्रीराम का जन्म होने की बात हास्यास्पद है। इसका प्रमाण किसी धर्मशास्त्र या तथ्यों में नजर नहीं आया। भगवान श्रीराम ने अयोध्या में जन्म लिया और उनके परित्याग के बाद माता जानकी ने वाल्मीकि आश्रम में शरण लिया। यहीं पर लव-कुश का जन्म हुआ। इसकी प्रमाणिकता मौजूद है।
भारत के साथ संबंधों को तोड़ने का प्रयास
वीरगंज निवासी समाजवादी जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राजेश मान सिंह श्रेष्ठ का कहना है कि उन्होंने आज तक अपने पूर्वजों और किसी पुस्तक से यह नहीं जाना कि नेपाल में भगवान श्रीराम का निवास था। उनका कहना है कि ओली चीन के मोहपाश में इस कदर डूब गए हैं कि वे भारत के साथ ऐतिहासिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संबंधों को भी तोड़ने के प्रयास से बाज नहीं आ रहे हैं। भारत के भगवान श्रीराम हमारे देश में भी आराध्य हैं। जनकपुर में मां सीता से विवाह के कारण हमारे देश के मेहमान हैं, न कि मेजबान।