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अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान व अजय देवगन के विरुद्ध मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवाद

Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर की एक सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने फ‍ि‍ल्‍म अभ‍िनेताओं के ख‍िलाफ याचिका दायर की है। गुटखा व पान मसाला के विज्ञापन के प्रसारण का मामला। अन्य आरोपितों में रणवीर सिंह भी शामिल। 27 मई को होगी सुनवाई।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 07:24 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 07:24 PM (IST)
अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान व अजय देवगन के विरुद्ध मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवाद
मुजफ्रफरपुर में कोर्ट ने परिवाद की सुनवाई के लिए 27 मई की तिथि तय की।

मुजफ्फरपुर, जासं। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान, अजय देवगन व रणवीर सिंह के विरुद्ध गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया। अहियापुर थाना क्षेत्र के भीखनपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने यह परिवाद दाखिल किया है। इसे गुटखा व पान मसाला के विज्ञापन से हो रहे दुष्प्रभाव को लेकर दाखिल किया गया है। कोर्ट ने परिवाद की सुनवाई के लिए 27 मई की तिथि तय की है।

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परिवादी ने कहा है कि 18 मई को अपने आवास पर टीवी चैनल देख रहा था। टीवी कार्यक्रमों के प्रसारण के बीच-बीच में गुटखा व पान मसाला का विज्ञापन दिखाया जा रहा था। आरोप लगाया गया है कि ये फिल्म अभिनेता रुपये के लालच में अपनी लोकप्रियता का दुरुपयोग कर रहे हैं। इन फिल्म अभिनेताओं के करोड़ों प्रशंसक हैं। इनकी अपील का अनुशरण करते हैं। गुटखा खाने के इनके विज्ञापन को सही मान ले रहे हैं। जिससे देश की एक बड़ी आबादी गुटखा खाकर गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रही है। प्रतिवर्ष लाखों लोग मर रहे हैं। आरोप लगाया है कि साजिश के तहत इस विज्ञापन का प्रसारण गुटखा कंपनियों को नाजायज लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बता चलें क‍ि इससे

पहले भी यहां देश के कई द‍िग्‍गजों पर हो चुका है पर‍िवाद

मुजफ्फरपुर में इससे पहले भी डॉ. मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राज ठाकरे, अन्ना हजारे, सचिन तेंदुलकर, लालू प्रसाद यादव, नवजोत सिंह सिद्धू पर सहित 585 बड़ी हस्तियों पर मामले दर्ज करा चुके हैं सुधीर ओझा, बता दें क‍ि यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रियंका वाड्रा के खिलाफ भी यहां परिवाद दाखिल किया जा चुका है। मुजफ्फरपुर अहियापुर के समाजसेवी तमन्ना हाशमी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के कोर्ट में परिवाद दाखिल गया था। यूपी के सीएम पर अब्बा जान संबोधन पर एक समुदाय विशेष को बदनाम करने का आरोप लगाया गया था।


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