किसी काम के नहीं रहे सीतामढ़ी कीपरिगामा पंचायत की महादलित बस्ती में बने सामुदायिक शौचालय
चोरौत प्रखंड के अंतर्गत परिगामा पंचायत की महादलित बस्ती में वर्ष पहले ही 70 शौचालयों की नींव रखी गई थी। इनमें 40 शौचालयों का निर्माण पूरा तो हुआ लेकिन अब ये एक-एक कर ध्वस्त होते चले गए हैं।
सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। चोरौत प्रखंड अंतर्गत परिगामा पंचायत की महादलित बस्ती में बने सामुदायिक शौचालय अब खंडहर बन कर रह गए हैं। महज तीन वर्ष पहले ही 70 शौचालयों की नींव रखी गई थी। जिसमें 40 शौचालय का निर्माण पूर्ण कर लिया गया । जागरूकता के अभाव में कुछ लोगों की गिद्ध दृष्टि लग गई। उन भवनों में से गेट, छप्पर तक उजाड़ कर ले गए। अब धीरे-धीरे यहां से ईटें भी गायब हो रही हैंं।
इस बस्ती के लोगों को पहले शौचालय बनाने के लिए अपनी जमीन नहीं थी। फिर जिले को खुले में शौचमुक्त घोषित करने की दिशा में पहल शुरू की गई। महादलित टोले में ही बंजर पड़ी सरकारी भूमि 70 अलग अलग शौचालय के लिए एक ही टंकी निर्माण कराया गया । इन शौचालयों के निर्माण में छह लाख की लागत आई थी । 40 नव निॢमत शौचालय मुखिया ने स्थानीय लोगों के सिपुर्द कर दिया। विधिवत रूप से 12हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि लोगों के खाते में आनी शुरू भी हो गई। लेकिन इसके बाद 30 अन्य शौचालयों का निर्माण अधूरा रह गया। अब इन शौचालयों के परिसर में स्थानीय लोग भैंस-बकरी बांध रहे हैंं।
जिले को ओडीएफ घोषित करने के लिए तत्कालीन जिला पदाधिकारी राजीव रोशन ने 2017 में जिले भर के मुखिया के साथ बैठक की थी । सामुदायिक शौचालय बनाने की बात उठी। जिसमें प्रखंड के परिगामा गांव के महादलित बस्ती में बंजर पड़ी सरकारी भूमि को चयनित किया गया था।
सामूहिक टंकी से पक रही रसोई
चोरौत प्रखंड की परिगामा पंचायत स्थित महादलित टोले स्थित चार घरों में शौचालय की टंकी से उत्सॢजत बायोगैस से खाना पक रहा है। यहां टैंक से बायोगैस बनता देखकर परिगामा गॉव के ही वार्ड नं चार निवासी राजाराम कापड़ , राजीव कुमार , लक्षमी कापड़ , वार्ड नं तीन निवासी दशरथ साह , सुरेन्द्र राय सहित दर्जन भर लोग शौचालय से निर्माण वायोगौस से खाना पका रहे हैं।
मुखिया संजय साह ने बताया कि टंकी में निॢमत गैस का उपयोग भी लोग करने लगे। टंकी के टेक्नीशियन मिलन पासवान के साथ टंकी से निॢमत मीथेन गैस से बिजली निर्माण करने वाली मशीन भी लगाने का प्लान था, जिससे पुरे गांव में रोशनी मिल सके। लेकिन वह सपना भी अधूरा ही रह गया।