बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के निर्देश का उल्लंघन, कॉलेज नहीं भेज रहे प्रतिवेदन Muzaffarpur News
चार बार रिमांइडर के बावजूद कॉलेजों ने भेजी नहीं रिपोर्ट। प्रत्येक कॉलेज को कुल सीटों प्रवेश संख्या व खाली सीटों की संख्या की देनी है जानकारी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कॉलेजों की मनमानी के आगे बीआरए बिहार विश्वविद्यालय भी बेबस है। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश संबंधी रिपोर्ट भेजने में कॉलेजों द्वारा हीलाहवाली की जा रही है। विवि के चार बार रिमाइंडर भेजने पर भी कॉलेज चुप्पी साधे बैठे हैं। प्रतिवेदन न भेजने के पीछे कॉलेजों का खेल है।
ये है मामला
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के तहत 40 अंगीभूत एवं 17 संबद्ध कॉलेज हैं। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के बाद सभी कॉलेजों को कुल सीटों की संख्या के विरुद्ध छात्रों के संकाय वार प्रवेश की संख्या, खाली सीटों की संख्या भेजनी है। लेकिन, चार बार रिमाइंडर के बावजूद कॉलेजों ने रिपोर्ट नहीं भेजी है। यही स्थिति कॉलेजों में स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश को लेकर है। किसी कॉलेज ने विषय वार खाली व भरी सीटों की संख्या नहीं भेजी है।
ये है खेल
कॉलेजों द्वारा मनमानी फीस वसूली होती है। छात्राओं के प्रवेश संबंधी शुल्क में छूट होने के बावजूद तमाम कॉलेजों द्वारा आज तक विवि को क्षतिपूर्ति संबंधी रिपोर्ट नहीं भेजी थी। इसी प्रकार कुल प्रवेश संख्या में छात्रों व छात्राओं की संख्या देनी होगी। सही रिपोर्ट देने में उनके द्वारा फीस में की गई गड़बड़ी उजागर हो जाएंगी। यहां गौरतलब है कि कॉलेजों ने कभी सालाना वित्तीय लेखा जोखा का ऑडिट प्रतिवेदन भी विवि को नहीं भेजा।
ये आ रही समस्या
विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी मॉनीटरिंग इंफॉरमेशन सिस्टम (यूएमआइएस) का वेबसाइट तैयार होना है। जिसमें कॉलेजों से आवश्यक रिकार्ड को डिजिटल करना है। नई योजना के तहत इस साल से स्नातक प्रथम वर्ष में छात्रों का पंजीयन कॉलेजों से न होकर विश्वविद्यालय द्वारा होगा। जब कॉलेज वार स्नातक प्रथम वर्ष में संकाय वार छात्र - छात्राओं की संख्या नहीं भेजी जाएगी। तो पंजीयन कैसे होगा।
इस बारे में बीआरए बिहार विवि के कुलसचिव कर्नल अजय कुमार राय ने कहा कि 'अवकाश के बाद सभी यूएमआइएस समन्वयकों एवं डाटा ऑपरेटरों की बैठक की जाएगी। जिसमें कॉलेजों से प्राप्त डाटा की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। जागरूकता के अभाव में यह समस्या आई है। इसे दूर किया जाएगा।Ó