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कॉलेजों में वर्षों से रिक्त है पीटीआइ के पद

दरभंगा जिला के लनामिविवि के डॉ. नागेन्द्र झा स्टेडियम प्रांगण में करीब

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 04:55 PM (IST)
कॉलेजों में वर्षों से रिक्त है पीटीआइ के पद
कॉलेजों में वर्षों से रिक्त है पीटीआइ के पद

मुजफ्फरपुर। दरभंगा जिला के लनामिविवि के डॉ. नागेन्द्र झा स्टेडियम प्रांगण में करीब 84 लाख की लागत से इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। इसमें जिमनाजियम के अलावा दो कमरा, एक स्टोर रुम व एक बॉथरुम का निर्माण कराया जाएगा। करीब 4500 स्कावयर फीट में बनने वाले इस इंडोर स्टेडियम में बैड¨मटन कोर्ट का भी निर्माण किया जाएगा। फिलहाल स्टेडियम का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में स्टेडियम बनकर तैयार हो जाएगा। ऐसे तो विवि के अलावा कई कॉलेजों में खेल के विकास मद में लाखों रुपये छात्रों से वसूले जाते हैं। लेकिन खेल गतिविधि के नाम पर सालों भर खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है। कॉलेजों में न तो इंटर क्लास खेल प्रतियोगिताएं कराई जाती है न तो इंटर कॉलेज खेल प्रतियोगिताओं में ही कई कॉलेज हिस्सा लेते हैं। ऐसा इसलिए भी है कि दो-चार कॉलेजों को छोड़ दिया जाए तो बाकी तीन दर्जन से अधिक कॉलेजों में पीटीआइ का पद वर्षों से रिक्त पड़ा हुआ है। छात्रों से खेल के नाम पर लिया गया पैसा, किसी दूसरे मद में खर्च कर दिया जाता है। कुछ कॉलेजों ने अपने आंतरिक स्त्रोत से अनुबंध पर पीटीआई की बहाली कर खेल गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास किया। लेकिन कुछ ही दिनों में उनकी हिम्मत जबाब देने लगी। ऐसा नहीं है कि विवि के कुलपति से लेकर क्रीड़ा पदाधिकारी को इस बात की जानकारी नहीं है। लेकिन सरकारी निर्देशों का हवाला देकर वे इस बात से अपनी कन्नी काट लेते है। पूर्व में विवि प्रशासन की ओर से कई पूर्व छात्र खिलाड़ियों की सूची तैयार की गई थी। ऐसा निर्णय लिया गया था कि बीपीएड या एमपीएड की योग्यता वाले खिलाड़ियों की सेवा वैसे कॉलेजों में ली जाएगी, जहां पीटीआई का पद रिक्त पड़ा हुआ है। अब सवाल यह उठता है कि जब खिलाडियों को प्रशिक्षित करने वाले पीटीआई की बहाली ही नहीं होगी, तो ऐसे में इंडोर स्टेडियम और आउटडोर स्टेडियम निर्माण से खिलाड़ियों को क्या फायदा ? क्या यह निर्माण महज कागजी खानापूरी के लिए किया जा रहा है। ऐसे न जाने कितने ही सवाल खिलाड़ियों के मन में घर बनाए हुए है। हालांकि इस सवाल का जबाब देने में विवि के कोई भी पदाधिकारी सक्षम नजर नहीं आते। जब कभी अंतर विवि खेल प्रतियोगिताओं की बारी आती है तो कहीं-कहीं के खिलाड़ियों को उठाकर उनका नामांकन किसी कॉलेज में करा दिया जाता है। यहां के खिलाड़ियों का पैसा, कहीं और के खिलाड़ियों पर खर्च किया जा रहा है।

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लनामिविवि के खेल पदाधिकारी,

अजय नाथ झा ने कहा कि रुसा से जो राशि आवंटित हुई है, उसमें जिमनाजियम और बैंड¨मटन कोर्ट का निर्माण होगा। इसके अलावा विवि के आंतरिक स्त्रोत से और भी सुविधा मुहैया कराई जा सकती है। इंडोर स्टेडियम जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। इससे खिलाड़ियों को फायदा होगा।


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