महबूबा व उमर अब्दुल्ला पर दर्ज देशद्रोह के मुकदमे को ले कोर्ट गंभीर, CJM करेंगे सुनवाई
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सहित अन्य के खिलाफ दाखिल परिवाद की जांच मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजेएम एसके तिवारी करेंगे। पांच सितंबर को होगी अगली सुनवाई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सहित अन्य के खिलाफ दाखिल परिवाद की जांच मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजेएम एसके तिवारी करेंगे। छह अगस्त को अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने यह परिवाद दाखिल किया था। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के विरोध में बयान देने को लेकर देशद्रोह का परिवाद दर्ज कराया गया था।
सीएम नीतीश के मंत्री श्याम रजक भी हैं आरोपी
दर्ज परिवाद में अनुच्छेद 370 (Article 370) व 35 ए (35 A) के विरुद्ध आपत्तिजनक बयान को लेकर राज्य के मंत्री श्याम रजक, जम्मू कश्मीर से पीडीपी सांसद नजीर अहमद लवाय, मो. फैयाज व पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी को आरोपित बनाया था। परिवाद की सुनवाई के बाद सीजेएम ने सुनवाई के लिए निजी संचिका में रखा है। इसकी अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी।
यह है मामला
परिवाद में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह ने देशहित में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 व 35 (ए) हटाने संबंधी साहसिक कदम उठाया। आरोपितों ने असंवैधानिक तरीके से इसे काला दिन बताने व अन्य आपत्तिजनक बयान दिया। यह अच्छे काम का गलत तरीके से विरोध करना है। साथ ही, विरोधी ताकतों की शह पर देश को तोडऩे की साजिश रचना है। विभिन्न समाचार माध्यमों में आरोपितों का बयान प्रसारित किया गया।
बेतिया में भी महबूबा व अब्दुल्ला पर दर्ज है मुकदमा
उधर, पश्चिमी चंपारण के बेतिया में भी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। दोनों पर राष्ट्रीय एकता, अखंडता व लोक शांति भंग करने के आरोप हैं। परिवादी नगर थाने के बसवरिया निवासी अधिवक्ता मुराद अली ने कई राजनेताओं को भी लपेटा है। इसके लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित खबरों को साक्ष्य बनाया गया है। आरोप है कि अनुच्छेद 370 का विरोध भारत में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा और अवमानना पैदा करने वाला है। यह विरोध धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर भारतीयों और जम्मू कश्मीर वासियों के बीच शत्रुता बढ़ाने वाला है। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने परिवाद को जांच के लिए न्यायिक दंडाधिकारी केके शाही के कोर्ट में भेज दिया है। इसकी अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।