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मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल खोलने के लिए सीजेएम ने ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से मांगी रिपोर्ट

पिछले साल मोतियाबिंद आपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण के बाद पुलिस ने सील कर दिया था हास्पिटल। खोलने के लिए नगर निगम के पूर्व वार्ड पार्षद सुरेश कुमार चौधरी ने सीजेएम कोर्ट में दाखिल कर रखी है अर्जी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 08:19 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 08:19 AM (IST)
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल खोलने के लिए सीजेएम ने ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से मांगी रिपोर्ट
ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष ने अपनी रिपोर्ट में हास्पिटल को खोले जाने को लेकर अनापत्ति जताई थी। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। मोतियाबिंद आपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण को लेकर पुलिस की ओर से सील किए गए जूरन छपरा स्थित मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल खोलने के लिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ने ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी गई है। नगर निगम के वार्ड-13 के पूर्व पार्षद सुरेश कुमार चौधरी की अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है। 

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यह है मामला

पूर्व वार्ड पार्षद चौधरी के अधिवक्ता विनोद कुमार अग्रवाल ने बताया कि 18 जनवरी को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इसमें गरीब मरीजों की कठिनाइयों को देखते हुए हास्पिटल खोलने का आदेश देने की प्रार्थना की गई थी। इसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी थी। ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष ने अपनी रिपोर्ट में हास्पिटल को खोले जाने को लेकर अनापत्ति जताई थी। इसके बाद कोर्ट ने स्पष्ट मंतव्य के साथ सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। उधर, ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष ने भी इसी तरह की रिपोर्ट सीएस से मांगी थी। सीएस की ओर से यह रिपोर्ट ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष को भेजी गई, लेकिन सीजेएम के कोर्ट में नहीं सौंपी गई। अधिवक्ता विनोद कुमार अग्रवाल ने बताया कि पूर्व वार्ड पार्षद की ओर से उन्होंने एक नई अर्जी सीजेएम कोर्ट में दाखिल कर अद्यतन स्थिति से अवगत कराया है। उनकी अर्जी की सुनवाई के बाद कोर्ट ने ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से फिर से रिपोर्ट मांगी है।

यह हुई थी घटना

मोतियाबिंद आपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण की शिकायत पर तत्कालीन सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने पिछले साल दो दिसंबर को ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल के सहायक प्रबंधक दीपक कुमार, सचिव दिलीप जालान, डा. एनडी साहु, डा.समीक्षा, बबिता कुमारी, बिल्टू कुमार, सरस्वती देवी, विकास कुमार, भावना वर्मा, अनूप कुमार, सौरभ कुमार व उमाशंकर सिंह को आरोपित बनाया गया था। प्राथमिकी में उन्होंने कहा था कि 29 नवंबर, 2021 को राममूर्ति सिंह, गोपी देवी व रामजी राय ने शिकायत की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि जूरन छपरा के मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में मोतियाबिंद का आपरेशन कराने पर उनकी आंखों में संक्रमण हो गया। इन लोगों का 22 से 27 नवंबर के बीच आपरेशन किया गया। संक्रमण के कारण 19 लोगों की आंखें निकालनी पड़ी थीं। सिविल सर्जन ने इसकी जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम गठित की। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सत्य करार दिया। इसके बाद पुलिस ने मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल को सील कर दिया था।


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