VTR के जंगल से भटककर आए बाघ के डर से बच्चों का विद्यालय जाना बंद, लोग भयभीत West Champaran News
दो स्कूलों में पठन पाठन बंद। चारों ओर से खुले हैं स्कूल दो दिन पहले में बाघ ने यहीं पर किया था पशुओं का शिकार। वन विभाग की उदासीनता से स्थानीय लोगों में आक्रोश।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मंगुरहा वन क्षेत्र से भटककर आए बाघ के आतंक से लोग भयभीत हैं। दो स्कूलों में दो दिनों से पढ़ाई ठप है। लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं। बच्चों ने डर से स्कूल जाना बंद कर दिया है। लेकिन, वन विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। इससे लोगों में आक्रोश है।
बताया गया कि प्रखंड के गौनाहा राजकीय मध्य विद्यालय और सिसई में अमरेश प्रसाद वर्मा उच्च विद्यालय में दूसरे दिन भी बच्चे नहीं पहुंचे। मध्य विद्यालय की प्रधान शिक्षिका सिंपू कुमारी ने बताया कि रविवार को विद्यालय के पास वाली गन्ने के खेत में बाघ ने छह बकरियों और एक बकरे को शिकार बनाया था। इस वजह से अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेज रहे हैं। विद्यालय पूरी तरह असुरक्षित है। इसी तरह अमरेश प्रसाद वर्मा उच्च विद्यालय भी चारों तरफ से खुला है। इसलिए यहां भी न तो शिक्षक आ रहे और न कोई बच्चा। ग्रामीण ओमप्रकाश राम, भन्नू पासवान, रामप्रसाद यादव, संजय यादव, रामेश्वर यादव आदि ने कहा कि बाघ के डर से पढ़ाई बंद करवा दी गई है।
गौरतलब है कि रविवार को राजकीय मध्य विद्यालय सिसई के पास गन्ने के खेत के पास चर रहे छह मवेशियों को बाघ ने शिकार बनाया था। वहीं, रात में सांड़ पर हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया था। ग्रामीणों ने कहा कि जख्मी सांड़ के इलाज के लिए रेंजर से मिले। रेंजर ने डॉक्टर भेजकर इलाज करवाने का आश्वासन दिया। लेकिन, सांड़ के प्राथमिक उपचार के बाद अभी तक वन विभाग से कोई नहीं आया। जबकि, सांड़ की हालत खराब होती जा रही है।