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Positive India : यहां कई घरों में बाल योग गुरु, लगा रहे इम्युनिटी की पाठशाला

पश्चिम चंपारण के बैरिया प्रखंड के तुमकडिय़ा के 50 से अधिक घरों के बच्चे योग गुरु इनमें आधी बेटियां। बुजर्ग से लेकर युवा और महिलाएं होतीं शामिल।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 09:02 AM (IST)
Positive India : यहां कई घरों में बाल योग गुरु, लगा रहे इम्युनिटी की पाठशाला
Positive India : यहां कई घरों में बाल योग गुरु, लगा रहे इम्युनिटी की पाठशाला

पश्चिम चंपारण, [सुनील आनंद]।  जिले के बैरिया प्रखंड का तुमकडिय़ा गांव। यहां 50 से अधिक घरों में बाल योग गुरु हैं। इनमें भी आधी बेटियां हैं। वे कोरोना काल में इम्युनिटी बढ़ाने की पाठशाला लगा रहे। इसमें बुजर्ग से लेकर युवा और महिलाएं भी शामिल होती हैं। इन बाल योग गुरुओं से पूरा गांव योगमय हो गया है।  तकरीबन 1200 की आबादी वाले तुमकडिय़ा गांव के शिव मंदिर परिसर में प्रतिदिन योग की पाठशाला लगती है। पहले यहां 10-20 लोग ही जुटते थे। इनमें भी अधिकतर बच्चे ही रहते थे। जबसे कोरोना का संकट आया है, तबसे योग करनेवालों की संख्या बढ़ गई है। एक की जगह तीन शिफ्ट में योग का प्रशिक्षण चल रहा है। 

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 बीए के छात्र पवन कुमार ने यहां योग की शुरुआत 2015 में की थी। तब बुजुर्ग व युवा योग के प्रति उदासीन थे। ऐसे में उन्होंने बच्चों व किशोरों को प्रशिक्षण देना शुरू किया। दो साल के प्रशिक्षण के बाद छात्रा निधि कुमारी, नीतीश कुमार, कविता कुमारी, रीतेश कुमार, भूपाल कुमार, छोटी कुमारी, गीता, दीपमाला कुमारी व निभा सहित 50 से अधिक बाल योग गुरु तैयार हो गए। 10 जून 2017 को मोतिहारी एवं 14 जून 2018 को गया में तुमकडिय़ा के नौ बाल योग गुरु बाबा रामदेव के प्रशिक्षण शिविर में उनके साथ मंच साझा कर चुके हैं। 

योग के बाद काढ़ा भी

योग प्रशिक्षक पवन कुमार ने बताया कि मंदिर परिसर में योग की पाठशाला में प्रतिदिन तकरीबन सौ लोग शामिल हो रहे हैं। नियमित योगाभ्यास के साथ एक घंटे की अतिरिक्त कक्षा इम्युनिटी बढ़ाने के लिए होती है। योग के बाद सभी प्रशिक्षुओं को काढ़ा दिया जाता है। मंदिर परिसर में गिलोय और तुलसी काफी है। इसे खरीदना नहीं पड़ता है। यहां तीन शिफ्टों में कभी वे तो कभी कोई बालक प्रशिक्षण देता है। 

बीमारी हो गई दूर

किसान कपिलदेव चौधरी (65) का कहना है कि पहले मैं तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित रहता था। पिछले छह माह से नियमित योग कर रहा हूं। अभी पूरी तरह से निरोग हूं। ग्रामीण जवाहर चौधरी (62) का कहना है कि जब कोरोना फैला तो कहा जा रहा था कि बुजुर्गों पर ज्यादा खतरा है। डर गया था। योग आरंभ किया। कोरोना का डर दूर हो गया है।  

इस बारे में बेतिया के पतंजलि वैद्य एसपी सिन्हा ने कहा कि योग और मेडिटेशन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। डेली रूटीन में इसे शामिल कर न सिर्फ इम्युनिटी को बढ़ाया जा सकता। बल्कि, काफी हद तक तनाव मुक्त रहा जा सकता है। 


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