कोरोना काल में लौटे चरखा के दिन, सैकड़ों महिलाओं को मिल रहा रोजगार
मुजफ्फरपुर में रोजगार सृजन में जुटा खादी ग्रामोद्योग संघ। 546 महिलाएं प्रतिदिन दो से तीन सौ रुपये की आमदनी कर रहीं। ग्रामोद्योग संघ के सर्वोदय ग्राम परिसर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए महिलाओं को चरखे से जोड़ा गया।
मुजफ्फरपुर [अमरेंद्र तिवारी]। कोरोना काल में चरखा रोजगार का माध्यम बन गया है। इससे जिले के एक दर्जन गांवों की 546 महिलाएं जुड़ी हैं। वे चरखे से सूत कातकर प्रतिदिन दो से तीन सौ रुपये की आमदनी कर रही हैं। इस दौर में रोजगार के संकट को देखते हुए जिला खादी ग्रामोद्योग संघ के सर्वोदय ग्राम परिसर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए महिलाओं को चरखे से जोड़ा गया।
सर्वोदय ग्राम, तुर्की, घरभारा, सर्फुद्दीनपुर, जलालपुर में चरखा शेड का निर्माण किया गया है। हर शेड में 25 से 30 महिलाएं चरखा चला रही हैं। इनके अलावा छाजन, बघनगरी, सुपना, बहिलवारा, किशुनगर, कुशी, रोहुआ, मनिका और नरसिंहपुर आदि गांवों में महिलाएं घर पर ही सूत कातती हैं। सूत को संघ खरीदता है।
कल्याणपुर की शोभा कुमारी ने बताया कि पति प्राइवेट नौकरी करते हैं। आर्थिक परेशानी थी। इस बीच खादी भंडार में पता चला कि वहां चरखा चलाने का अवसर है। संपर्क करने पर काम मिल गया। एक आधार कार्ड जमा करना पड़ा। काम के लिए कोई पूंजी नहीं लगी। रोज कम से कम तीन सौ रुपये की आमदनी हो जाती है। उनके साथ कल्पना, अर्चना सहित 20 महिलाओं की टोली प्रतिदिन काम करती है।
केंद्र सरकार से 25 व राज्य सरकार की ओर से 100 चरखे मिले हैं। रोजगार सृजन के लिए सरकार ने 34 लाख रुपये की पूंजी दी है। एक हजार महिलाओं को इस नेटवर्क से जोडऩे की योजना है। कटरा क्षेत्रीय ग्रामोद्योग संघ की ओर से संचालित गतिविधियों की देखरेख अब जिला खादी ग्रामोद्योग संघ करेगा।
जिला खादी ग्रामोद्योग संघ के मंत्री कमलेश कुमार ने बताया कि कामगार करघा कोष से कोराना काल में चरखा चलाने वाले कतीन व बुनकरों को अप्रैल से सितंबर तक एक-एक हजार रुपये की सहयोग राशि दी गई।
जिला खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष बीरेंद्र कुमार का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार मिले, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभी 125 चरखे कतीन के लिए उपलब्ध हैं। इनकी संख्या बढ़ेगी।
जिला खादी ग्रामोद्योग पदाधिकारी रिजवान अहमद ने कहा कि 'मुजफ्फरपुर में जल्द ही खादी पार्क बनाने की योजना है। लॉकडाउन के कारण थोड़ी परेशानी हुई थी। पार्क बनने के बाद रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।