मुजफ्फरपुर मेयर की बढ़ीं मुश्किलें, ऑटो टिपर घोटाला में निगरानी ने दाखिल किया आरोप पत्र
ऑटो टिपर घोटाला में महापौर सुरेश कुमार व अभियंताओं के खिलाफ आरोप पत्र दखिल किया गया। अन्य छह आरोपितों के विरुद्ध अभियोजन चलाने की अब तक नहीं मिली अनुमति।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नगर निगम के ऑटो टिपर खरीद घोटाला में महापौर सुरेश कुमार व दो कनीय अभियंताओं के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने विशेष न्यायालय निगरानी में आरोप पत्र दाखिल किया है। अन्य दो आरोपितों में नगर निगम के तत्कालीन कनीय अभियंता प्रमोद कुमार सिंह व भरतलाल चौधरी शामिल है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र पुलिस उपाधीक्षक मनोज कुमार श्रीवास्तव ने यह आरोप पत्र सोमवार को दाखिल किया है।
तीनों आरोपितों के खिलाफ नगर विकास विभाग के अवर सचिव ने अभियोजन चलाने की अनुमति दी थी। पिछले सप्ताह जिलाधिकारी ने भी महापौर के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति दी थी। तभी से जल्द आरोप पत्र दाखिल किए जाने का कयास लगाए जाने लगे थे। अन्य छह आरोपितों को संबंधित विभाग के सक्षम पदाधिकारियों की ओर से अभियोजन चलाने की अनुमति नहीं मिली है। इसलिए उनके खिलाफ फिलहाल निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। इन सभी के विरुद्ध पूरक जांच जारी रखा गया है।
महापौर ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर रखी है याचिका
आरोप पत्र दाखिल होने के बाद महापौर पर और शिकंजा कस सकता है। उनके राजनीतिक भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है। भ्रष्टाचार के आरोप में सरकार उन्हें बर्खास्त कर सकती है। उनकी ओर से अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है और इसे सुनवाई के लिए रखा है। लॉकडाउन के कारण यह सुनवाई अब तक पूरी नहीं हो पाई है। आरोप पत्र दाखिल होने से उनकी अग्रिम जमानत की याचिका स्वीकृत होने में मुश्किल होगी।
यह है मामला
वर्ष 2017 में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने 50 ऑटो टिपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव के आलोक में नगर निगम की ओर से निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा में भाग लेने वाले तिरहुत ऑटोमोबाइल, माड़ीपुर के प्रतिनिधि संजय कुमार गोयनका ने इसमें धांधली की शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से की थी।
इस शिकायत की जांच ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक सुबोध कुमार विश्वास ने की। उनकी जांच में धांधली संबंधित शिकायत की पुष्टि हुई है। इसी आधार पर निगरानी थाना पटना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें महापौर सुरेश कुमार, पूर्व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, पूर्व प्रभारी नगर आयुक्त रंगनाथ चौधरी और पूर्व कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह, डूडा के कार्यपालक अभियंता महेंद्र सिंह, सहायक अभियंता नंद किशोर ओझा, मो. कयामुद्दीन अंसारी, जूनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार सिंह, भरत लाल चौधरी व आपूर्तिकर्ता को आरोपित बनाया गया था।