Move to Jagran APP

Sheohar : होम आइसोलेशन के नियमों में हुआ बदलाव, दोबारा जांच कराना जरूरी नहीं

Bihar News हल्के और बगैर लक्षण वाले मरीजों को भी होम आइसोलेशन में रहने की सलाह होम आईसोलेशन के दौरान ऑक्सीमीटर रिकॉर्डिंग और थर्मल स्क्रीनिंग जरुरी एचआइवी ट्रांसप्लांट कराने वाले एवं कैंसर आदि गंभीर रोगियों को होम आइसोलेशन में रहने की जरूरत नहीं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 11:04 AM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 11:04 AM (IST)
Sheohar : होम आइसोलेशन के नियमों में हुआ बदलाव, दोबारा जांच कराना जरूरी नहीं
कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन का पालन जरूरी है।

शिवहर, जासं। कोरोना की दूसरी लहर के बीच स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव किया है। नए गाइडलाइन के अनुसार होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी दस दिनों के बाद बाहर आ सकते हैं। होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद दोबारा कोरोना जांच की कोई आवश्यकता नहीं होगर। हालांकि, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को दस दिनों तक निगरानी चार्ट भरना होगा। इसमें शरीर का तापमान और ऑक्सीजन लेबल की जानकारी देनी होगी। इतना ही नहीं नए गाइडलाइन के तहत सभी कोरोना संक्रमितों को आइसोलेशन में रहना जरूरी नहीं है।

loksabha election banner

ऐसे मामलों में मरीज के घर पर सेल्फ-आइसोलेशन और परिवार के लोगों को क्वारंटीन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को 24 घंटे उपलब्ध रहना चाहिए। मरीज की देखभाल कर रहे व्यक्ति और करीब लोगों को चिकित्सक अधिकारी के परामर्श के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोक्व़ाइन प्रोफाईलैक्सिस लेनी चाहिए। कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले यानी एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले एवं कैंसर रोग से पीड़ित लोगों को होम आइसोलेशन में नहीं रहने की सलाह दी गई है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोग जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग एवं कमजोर फेफड़े या गुर्दे की बीमारी से ग्रसित हैं, उनमें कोरोना की पुष्टि होने पर चिकित्सक की अनुमति के बाद ही होम आइसोलेशन में रहने की बात कही गई है। नए गाइडलाइन के तहत होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को दस दिनों तक निगरानी चार्ट भरने की सलाह दी गई है। निगरानी चार्ट में प्रत्येक दिन के शरीर के तापमान व ऑक्सीमीटर से ह्रदय गति एवं ऑक्सीजन के स्तर को भरने की सलाह दी गई है।

निगरानी चार्ट में ही प्रत्येक दिन की स्थिति भी भरने की बात कही गई है। घर पर उपचार करने वाले रोगियों को शरीर के तापमान एवं ऑक्सीजन लेवल की जानकारी रखना बेहद जरूरी माना गया है। इसके लिए घर में पल्स ऑक्सीमीटर व थर्मल गन रखने की सलाह दी गई है। ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन का स्तर 95 से कम होता है तो व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। थर्मल गन में शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट या इससे अधिक रहने पर इसे बुखार मानते हुए परामर्श लेने का निर्देश दिया गया है। जबकि, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। देखभाल करने वाले और रोगी दोनों को तीन लेयर के मास्क इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। साथ ही अधिकतम आठ घंटे तक ही एक मास्क का इस्तेमाल करने का भी निर्देश दिया गया है। मास्क के भींग जाने के बाद उसे तुरंत बदलने की भी बात कही गई है। सीएस डॉ. आरपी सिंह ने नए गाइडलाइन के पालन का निर्देश दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.